आपके नाम पर कितने सिम एक्टिवेट हैं…क्या आपने कभी यह बात जानना चाही है? अगर नहीं, तो एक बार जरूर चेक कर लीजिए, क्योंकि बढ़ते ऑनलाइन फर्जीवाड़े के दौर में हो सकता है कि आपकी आईडी से कहीं और नंबर भी चल रहा हो और उससे किसी आपराधिक गतिविधि को अंजाम दे दिया। यह स्थिति आपके लिए बेहद नुकसानदेह हो सकती है।

एक मिनट से भी कम समय में पता लगाया जा सकता है कि आपकी आईडी पर कितने सिम यानी सबस्क्राइबर आईडेंटिटी मॉड्यूल चालू हैं। दरअसल, दूरसंचार विभाग ने टेलीकॉम एनालिटिक्स फॉर फ्रॉड मैंनेजमेंट एंड कंज्यूमर प्रोटेक्शन (टीएएफसीओपी) बनाया है, जिसके लिए उनकी तरफ से एक वेबसाइट (tafcop.dgtelecom.gov.in/) भी बनाई गई है, जहां भारत में एक्टिव सिम नंबर का ब्यौरा उपलब्ध है। आप सिर्फ 30 सेकेंड में इस साइट के जरिए पता लगा सकते हैं कि आपके नाम पर कहीं कोई और सिम तो नहीं चला रहा है।

क्या है प्रक्रिया?: वेबसाइट पर विजिट करें, जहां आपको अपने मोबाइल नंबर और वन टाइम पासवर्ड (ओटीपी) के जरिए लॉगइन करना होगा। फिर आपकी आईडी से चालू सारे नंबरों का ब्योरा सामने आ जाएगा। अगर लिस्ट में कोई अनजान नंबर आए, तब आप उसकी शिकायत भी कर सकते हैं।

ऐसे करें शिकायतः आपकी आईडी से चालू अज्ञात नंबर की कंप्लेंट के लिए आपको नंबर और ”दिस इज नॉट माई नंबर” पर क्लिक करना होगा। आगे वहां ऊपर बॉक्स में आईडी में लिखा हुआ नाम भरें। फिर नीचे रिपोर्ट पर क्लिक कर दें। शिकायत देने के बाद आपको रिफरेंस आईडी दी जाएगी, जो आगे उसका स्टेटस ट्रैक करने में आपकी मदद कर सकती है।

बता दें कि हाल ही में नौ से ज्यादा सिम कार्ड रखने वालों के नंबर बंद करने का आदेश दिया गया है। दूरसंचार विभाग ने नौ से ज्यादा सिम कार्ड रखने वाले ग्राहकों के सिम को फिर से सत्यापित करने और सत्यापित न होने की स्थिति में सिम बंद करने का आदेश दिया है। जम्मू-कश्मीर और असम समेत पूर्वोत्तर के लिए यह संख्या छह सिम कार्ड की है।

दूरसंचार विभाग की तरफ से जारी आदेश के अनुसार ग्राहकों के पास अनुमति से अधिक सिम कार्ड पाए जाने की स्थिति में उन्हें अपनी मर्जी का सिम चालू रखने और शेष को बंद करने का विकल्प दिया जाएगा। विभाग ने कहा, “विभाग द्वारा किये गए विश्लेषण के दौरान यदि किसी ग्राहक के पास सभी दूरसंचार सेवा प्रदाता कंपनियों के सिम कार्ड निर्धारित संख्या से अधिक पाए जाते है तो सभी सिम का फिर से सत्यापन किया जाएगा।”

विभाग ने यह कदम दरअसल वित्तीय अपराधों, आपत्तिजनक कॉल, स्वचालित कॉल और धोखाधड़ी गतिविधियों की घटनाओं की जांच करने को लेकर उठाया है। विभाग ने दूरसंचार कंपनियों से उन सभी मोबाइल नंबर को डेटाबेस से हटाने के लिए कहा है जो नियम के अनुसार उपयोग में नहीं हैं। (पीटीआई-भाषा इनपुट्स के साथ)