केंद्र सरकार ने गुरुवार को पेंशनभोगियों के लिए बड़ी राहत दी है। सरकार की ओर से पेंशन पाते रहने के लिए जमा किया जाने वाला वार्षिक पहचान पत्र या लाइफ सर्टिफिकेट जमा करने की डेडलाइन एक महीने यानी कि 25 जून तक बढ़ा दी है। लेकिन यह फैसला केवल रक्षा मंत्रालय से संबंधित पेंशनभोगियों पर ही लागू होगा। हालाकि इससे पहले इन पेंशनर्स को लाइफ सर्टिफिकेट 25 मई तक जमा करना था।
रक्षा मंत्रालय ने इस संबंध में एक बयान में कहा कि 25 मई 2022 तक के आंकड़ों की जांच के बाद यह देखा गया है कि स्पर्श पोर्टल ( जहां पर डिफेंस के पेंशनर्स का डाटा रखा जाता है) पर 34,636 पेंशनभोगियों ने अपनी वार्षिक पहचान ऑनलाइन और संबंधित बैंकों के माध्यम से नवंबर 2021 तक पूरी नहीं की है। इस कारण अब ऐसे पेंशनर्स के लिए डेडलाइन बढ़ाई गई है। वहीं अप्रैल 2022 मासिक पेंशन 58,275 पेंशनभोगियों (स्पर्श पर 4.47 लाख माइग्रेट किए गए पेंशनरों में से) को एक विशेष एकमुश्त छूट के माध्यम से जमा किया गया था।
इसके अलावा अभी बचे हुए लोगों द्वारा लाइफ सर्टिफिकेट जमा नहीं किया गया है। अगर आप भी इस लिस्ट में आते हैं और पेंशन पाने के लिए लाइफ सर्टिफिकेट घर बैठे जमा करना चाहते हैं तो यहां प्रोसेस बताया गया है। इस माध्यम से आप आसानी से लाइफ सर्टिफिकेट सबमिट कर सकते हैं।
जानें कैसे सबमिट करें लाइफ सर्टिफिकेट
डिजिटल जीवन प्रमाण ऑनलाइन या जीवन प्रमाण फेस ऐप से एंड्रॉयड यूजर्स लाइफ सर्टिफिकेट जमा कर सकते हैं।
- अगर आपके पास ऐप नहीं है तो प्ले स्टोर से जाकर इंस्टॉल कर लें या फिर jeevanpramaan.gov.in की वेबसाइट पर जाएं।
- SPARSH पेंशनर्स को “डिफेंस – PCDA (P) इलाहाबाद” और “स्पर्श – पीसीडीए (पेंशन) इलाहाबाद” का चयन करें।
- लीगेसी पेंशनर को संबंधित ऑथोरिटी ”डिफेंस Jt. CDA (AF) सुबोरोटो पार्क” या डिफेंस– PCDA (P) इलाहाबाद” या फिर “डिफेंस – PCDA (Navy) का चयन करें।
- ऑटोरिटी चयन करने के बाद आप लाइफ सर्टिफिकेट सबमिट कर सकते हैं।
गौरतलब है कि पेंशनभोगी वार्षिक पहचान को पूरा करने के लिए सामान्य सेवा केंद्रों (सीएससी) पर भी जा सकते हैं। इसके अलावा पेंशनभोगी जीवन प्रमाणन को अपडेट करने के लिए अपने निकटतम डीपीडीओ से भी मिल सकते हैं। लीगेसी पेंशनभोगी अपने संबंधित बैंकों के साथ अपने जीवन प्रमाणन को अपडेट करना जारी रख सकते हैं। मासिक पेंशन के निरंतर और समय पर क्रेडिट के लिए वार्षिक पहचान/जीवन प्रमाणन की प्रक्रिया एक वैधानिक आवश्यकता है।