Loan against LIC policy: अचानक पैसे की जरूरत पड़ जाए और कोई रास्ता न दिखे तो वैसी स्थिति में एलआई पॉलिसी पर लोन लेना एक सही फैसला हो सकता है। एलआईसी पॉलिसी पर लोन लेने के कई फायदे हैं। इसमें किसी तरह झंझट नहीं होता है और झटपट लोन मिल जाता है। यहां तक कि 24 घंटे के अंदर प्रक्रिया पूरी हो जाती है। साथ ही किसी तरह की सिक्योरिटी या अतिरिक्त दस्तावेज जमा करने की जरूरत नहीं पड़ती है।
एलआईसी पर लिए गए लोन पर ब्याज दर भी काफी कम होता है। वहीं, आप अपनी सुविधा के हिसाब से लिए गए लोन को चुकता कर सकते हैं। इसका मतलब यह है कि लोन जमा करने के लिए प्रत्येक महीने ईएमआई देने की भी जरूरत नहीं है और न ही कोई तय सीमा है। आपके पास जब पैसे आ जाएं, तब आप जमा कर सकते हैं। लोन की राशि जमा करने के बाद आपके पॉलिसी डॉक्यूमेंट वापस कर दिए जाएंगे।
कितना मिल सकता है लोन: सबसे महत्वपूर्ण इस बात की जानकारी होनी चाहिए कि आपके एलआईसी पॉलिसी पर कितना लोन मिल सकता है? दरअसल, लोन की राशि एलआईसी पॉलिसी की सरेंडर वैल्यू की अधिकतम 90 प्रतिशत हो सकती है। सरेंडर वैल्यू का मतलब यह होता है कि जिस समय आप लोन ले रहे हैं, उस समय उस पॉलिसी को सरेंडर करने पर कितनी रकम मिलेगी। यह खुद एलआईसी द्वारा दिया जाता है, इसलिए लोन मिलने वाली रकम तय करने में ज्यादा वक्त नहीं लगता है और न हीं लोन के लिए किसी तरह की सिक्योरिटी देनी पड़ती है। पॉलिसी डॉक्यूमेंट ही सिक्योरिटी होता है। इसका सबसे बड़ा फायदा ये है कि आवेदनकर्ता की पॉलिसी भी चलती रहती है और समय पर काम करने के लिए लोन के माध्यम से पैसे भी मिल जाते हैं।
ब्याज दर: वर्तमान में इंश्योरेंस पॉलिसी पर लोन लेने वाले व्यक्ति से एलआईसी 10 प्रतिशत ब्याज लेती है। यह पर्सनल लोन पर लिए जाने वाले ब्याज दर में सबसे कम है। एलआईसी पॉलिसी पर लोन लेने वालों को लोन रिकॉर्ड, CIBIL स्कोर के बारे में चिंता करने की जरूरत नहीं होती है।
कौन ले सकते हैं लोन: एलआईसी केवल एंडोमेंट पॉलिसी होल्डर्स को लोन देती है। यह मनी बैक प्लान वाले को नहीं दिया जाता है। लोन की अवधि कम से कम 6 महीने के लिए होती है और यदि आप समय से पहले पॉलिसी बंद कर देते हैं, तो आपको कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं देना होगा। हालांकि, लोन लेने के लिए पॉलिसी कम से कम तीन साल पुराना होना चाहिए।