Garib Kalyan Rojgar Abhiyaan: कोरोना महामारी और लॉकडाउन के चलते लाखों लोग बेरोजगार हुए हैं। मजदूरों पर इसका सबसे ज्यादा असर पड़ा है। महामारी के चलते उन्होंने शहरों से अपने-अपने गांवों को कूच किया है। गांवों में रोजगार को बढ़ाने के लिए मोदी सरकार गरीब कल्याण रोजगार मिशन शुरू कर रही है। यह मिशन 125 दिन तक चलेगा। इस दौरान इसके जरिए प्रवासी मजदूरों के लिए 25 तरह के काम के विकल्प होंगे।
इसके तहत सरकार की योजना है कि ग्रामीण इलाकों में इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार किया जाए। इससे प्रवासी मजदूरों को रोजगार मिलने में मदद मिलेगी। सरकार ने बिहार, यूपी, मध्य प्रदेश, राजस्थान, झारखंड और ओडिशा के मजदूरों को इसके लिए चुना है। पीएमओ की तरफ से दी गई जानकारी के मुताबिक इसमें 116 जिलों के करीब 25,000 प्रवासी मजदूरों को इसमें शामिल किया जा चुका है और आने वाले समय में इसमें और बढ़ोत्तरी की जाएगी। प्रवासी मजदूरों को गांव में ही रोजगार देने के लिए 116 जिलों में 50 हजार करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। इसमें सरकार की 25 स्कीमें शामिल की जाएंगी।
इस अभियान की शुरुआत बिहार के खगड़िया जिले के बेलदौर ब्लॉक के तेलिहार गांव से शुरू होगी। पीएम मोदी 20 जून को वर्चुलअल लॉन्चिंग के जरिए इसकी शुरुआत करेंगे जिसमें राज्यों के मुख्यमंत्री भी शामिल होंगे। इस योजना का समन्वय 12 विभिन्न मंत्रालयों द्वारा किया जाएगा, जिसमें ग्रामीण विकास, पंचायती राज, सड़क परिवहन और राजमार्ग जैसे मंत्रालय शामिल हैं। मजदूरों से उनकी स्किल और एक्पीरियंस के आधार पर अलग-अलग काम करवाएं जाएंगे। जैसे भारत नेट के फाइबर ऑप्टिक बिछाने, नैशनल हाइवे वर्क्स, पीएम ग्राम संड़क योजना आदि में मजदूरों को काम दिया जाएगा।
वहीं सरकार ने राष्ट्रीय रोजगार नीति के तहत 5 करोड़ लोगों को रोजगार देने के लिए सरकार ने कमर कस ली है। कोविड-19 महामारी के चलते अपने गृह राज्ये पहुंचे लोगों को को इसके जरिए फायदा पहुंचाने की कोशिश की जाएगी। सरकार ने इसके लिए फॉस्ट ट्रेक मोड में काम शुरू कर दिया है। दरअसल, सरकार ने केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री थावर चंद गहलोतके नेतृत्व में मंत्रियों का समूह बनाया है जो इसके क्रियान्यवन के लिए सुझाव दे रहा है।