देश में फ्रॉड की घटनाएं एक के बाद एक तेजी से बढ़ रही हैं। हैकर्स लोगों से पैसों की ठगी करने के लिए अलग-अलग तरीके अपना रहे हैं, जिसे लेकर सरकार और बैंक की ओर से लोगों को सचेत भी किया जा रहा है कि वे गलती से भी गलतियां न करें। नहीं तो उनके बैंक खाते से पैसा पलभर में गायब हो सकता है।
अब वित्त मंत्रालय के नाम पर एक फर्जी सर्टिफिकेट देने को लेकर मैसेज वायरल किया जा रहा है। यह मैसेज सोशल मीडिया, पोस्ट ऑफिस और ईमेल के माध्यम से लोगों तक पहुंच रहा है। जारी किए गए सर्टिफिकेट के तहत कहा गया है कि प्रमाण पत्र के प्राप्तकर्ता को बैंक खाते की पूरी जानकारी देनी होगी, ताकि पैसे खाते में ट्रांसफर किया जा सके।
फेक है सर्टिफिकेट
इस वायरल मैसेज की पड़ताल करते हुए सरकार की PIB फैक्ट चेक टीम ने ट्विटर पर जानकारी दी है कि देश के वित्त मंत्रालय के नाम से जारी एक प्रमाणपत्र प्राप्तकर्ता को धन प्राप्त करने के लिए बैंक खाते का विवरण साझा करने के लिए कह रहा है, जो पूरी तरह से फेक है।
सर्टिफिकेट में क्या लिखा है
पीआईबी ने बताया कि वायरल सर्टिफिकेट में कहा गया है कि मिस मोनिका कोरी द्वारा ग्लासगो, इंग्लैंड से भारत लाए गए एक बिटकॉन्स को सत्यापित किया गया है और कानून के संदर्भ में जांचा गया है और भारतीय रुपये में परिवर्तित किया गया है। ध्यान दें कि मोनिका को विश्वसनीय खाताधारकों की आवश्यकता है ताकि वह अपना धन जमा कर सके, पत्र में यह भी कहा गया है। पत्र पर अरुण जेटली, डीजी यूएनओडीसी क्षेत्रीय कार्यालय द्वारा हस्ताक्षर किए गए हैं।
क्या नहीं करना चाहिए
पीआईबी ने जानकारी दी है कि, अगर ऐसा कोई भी मैसेज आपके पास किसी भी माध्यम से आता है तो इसके किसी भी बातों को जवाब आपको नहीं देना चाहिए। साथ ही अपने बैंक खाते से संबंधित कोई भी जानकारी शेयर नहीं करनी चाहिए। वहीं अगर आपके साथ फ्रॉड हो चुका है तो बिना देरी किए, जानकारी तुरंत साइबर सेल को देनी चाहिए।