Employee’s Provident Fund Withdrawal Rules: एंप्लॉयी प्रॉविडेंट फंड (ईपीएफ) एक लॉन्ग टर्म इनवेस्टमेंट प्लान है। इसके जरिए वेतनभोगी लोग अपने बुढ़ापे को सुरक्षित करते हैं। ईपीएफ कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) की प्रमुख योजना है। हर महीने कंपनी और कर्मचारी पीएफ खाते में 12 प्रतिशत का योगदान देते हैं। यह योगदान किसी भी कर्मचारी की बेसिक सैलरी का 12 प्रतिशत होता है। यह अमाउंट कर्मचारी को रिटायरमेंट के समय ब्याज राशि के साथ यह दे दिया जाता है। हालांकि कर्मचारी अपनी जरूरत के हिसाब से इसे पहले भी निकाल सकते हैं। भारत में कई लोग अपने पीएफ के पैसे पर निर्भर हैं।
अगर आप एक वेतनभोगी व्यक्ति हैं और आपनी वर्तमान नौकरी को छोड़ना चाहते हैं, तो ऐसे टैक्स इम्पलीकेशंस हैं जिन्हें जानना आपके लिए जरूरी है। आपको बता दें कि पीएफ में योगदान करने पर कर्मचारियों को कई तरह के टैक्स लाभ दिए जाते हैं। अगर कोई कर्मचारी पांच साल से पहले ईपीएफ का पैसा निकालता है तो उसको दिए गए टैक्स लाभ रद्द हो जाते हैं।
अगर आप जॉब में 5 साल से कम समय तक रहे और इस बीच पीएफ खाते से पैसे निकालते हैं तो आयकर कानून के नियमों के हिसाब से आपको इस पर आयकर भरना होगा। वहीं अगर आप पांच साल तक अपने पीएए खाते से रकम निकालते हैं तो इस रकम पर कोई कर नहीं देना होता है।’
बता दें कि 5 साल की अवधि एक या इससे ज्यादा कंपनियों को मिलाकर भी हो सकती है। एक ही कंपनी में 5 साल पूरे करना जरूरी नहीं।