EPF Account: कोरोना संकट के चलते कई नौकरीपेशा लोगों को वित्तीय सकंट से जूझना पड़ रहा है। कंपनियां सैलरी में भारी कटौती कर रही है। वहीं कुछ कर्मचारियों को तो कंपनी ने नौकरी से ही निकाल दियाा है। ऐसे बुरे वक्त में कर्मचारियों के जो सबसे ज्यादा काम आता है वह है उनका कर्मचारी भविष्य निधि (ईपीएफ) खाता। कई कर्मचारियों को अपने पीएफ खाता पर मिल रही सुविधाओं के बारे में ही पता नहीं होता।

लेकिन एक कर्मचारी को उसे पीएफ खाते के साथ-साथ लोन और इंश्योरेंस की सुविधा मिलती है। इसके अलावा कर्मचारी को पेंशन का भी फायदा मिलता है। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) इपीएफ अकाउंट में रिटायरमेंट फंड तैयार करता है। कर्मचारी भविष्य निधि (ईपीएफ) कर्मचारी भविष्य निधि संगठन की प्रमुख योजना है। संगठित क्षेत्र में काम करने वाला कर्मचारी और कंपनी दोनों मिलकर पीएफ खाते में योगदान करती है। कर्मचारी की बेसिक सैलरी का 12 फीसदी तो वहीं कंपनी भी इतना ही योगदान देती है।

कोई भी वेतनभोगी कर्मचारी अपने सक्रिय पीएफ अकाउंट से लोन रकम निकाल सकता है। ये लोन घर खरीदने, प्लॉट खरीदने, विवाह या होम लोन चुकाने आदि के लिए लिया जा सकता है। घर खरीदने और होम लोन की ईएमआई चुकाने के लिए आप जमा रकम से 90 फीसदी की निकासी कर सकते हैं। लोन सुविधा का फायदा उठाने के लिए आपका पीएफ खाता तीन साल पुराना होना चाहिए।

बात करें इंश्योरेंस की तो पीएफ खाते पर इसकी सुविधा भी कर्मचारी को दी जाती है। ईपीएफ के सभी सब्सक्राइबर इम्प्लाइज डिपॉजिट लिंक्ड इंश्योरेंस स्कीम, 1976 के तहत कवर होते हैं। स्कीम के तहत 6 लाख रुपये तक इंश्योरेंस का कवर खाताधारक के नॉमिनी को मिलता है। कंपनी की ओर से इसमें 0.5 फीसदी का योगदान दिया जाता है।

इसके अलावा पीएफ खाते के जरिए कर्मचारी को पेंशन का भी फायदा मिलती है। ईपीएफ के तहत 10 साल तक नौकरी करने पर प्राइवेट सेक्टर में काम करने वालो नौकरीपेशा को पेंशन की गारंटी मिलती है। यह पेंशन कर्मचारी को आजीवन पेंशन मिलती है। ईपीएफ एक्‍ट, 1952 के तहत कर्मचारियों को यह सुविधा मिलती है। कर्मचारियों की बेसिक सैलरी का 12 फीसदी योगदान उसके पीएफ अकाउंट में जाता है।