Employees Deposit Linked Insurance Scheme, EDLI, EPFO: कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) खाताधारकों को मिलने वाले मैक्सिमम एश्योरेंस की लिमिट बढ़कर अब 7 लाख रुपये कर दी गई है। श्रम मंत्री संतोष गंगवार की अध्यक्षता में बुधवार को हुई सेंट्रल बोर्ड आफ ट्रस्टी की बैठक में लिया गया है। इंप्लॉइज डिपॉजिट लिंक्ड इंश्योरेंस (1976) के पैराग्राफ 22(3) में संशोधन के लिए मंजूरी दे दी गई है।

ईपीएफओ के इस फैसले से यह यह लिमिट 6 लाख रुपये थी। खाताधारकों को इंप्लॉइज डिपॉजिट लिंक्ड इंश्योरेंस (ईडीएलआई) स्कीम 1976 के तहत इस मुफ्त बीमा का फायदा मिलता है। ईपीएफओ सब्सक्राइबर्स या मेंबर इंप्लॉइज को इसकी सहुलियत मिलती है।

इंप्लॉई की बीमारी, दुर्घटना या स्वाभाविक मृत्यु होने पर नॉमिनी की ओर से इसे क्लेम किया जा सकता है। स्कीम में इंप्लॉई को किसी तरह का योगदान नहीं देना होता बल्कि कंपनी प्रीमियम जमा करती है। जिस तरह कर्मचारी मूल वेतन का 12 फीसदी हिस्सा पीएफ में देता है और इतना ही योगदान नियोक्ता को भी करना होता है। लेकिन ईडीएलआई में सिर्फ कंपनी ही पैसा भरती है।

प्रीमियम इंप्लॉई की बेसिक सैलरी और महंगाई भत्ता का 0.50 फीसदी होता है। यह फायदा उन लोगों को मिलता है जिन्होंने मृत्यु के ठीक पहले 12 महीनों के भीतर एक से ज्यादा संस्थानों में नौकरी की हो।

ईपीएफ और विविध प्रावधान अधिनियम, 1952 के तहत आने वाले सभी कंपनी और संस्थान ऑटोमेटिकली इस स्कीम के लिए रजिस्ट्रर हो जाते हैं। बता दें कि बुधवार को वित्त वर्ष 2019-20 के लिए कर्मचारी भविष्य निधि पर 8.5 फीसदी ब्याज निर्धारित किया है। ब्याज का भुगतान दो किस्तों में किया जाएगा।