ढुलाई के लिए प्रयोग होने वाले वाहन अब इलेक्ट्रिक पहचान (ई पहचान) की जद में आएंगे। ट्रैक्टर, ट्रेवेलेटर समेत अन्य वाहनों को इस दायरे में लाने के लिए केंद्र सकार वर्तमान नियमों में संशोधन करने जा रही है। देश में यह व्यवस्था एक अक्तूबर 2026 से शुरू करने की तैयारी की जा रही है। इसके लिए केंद्रीय मोटर यान नियमावली 1989 में संशोधन किया जाएगा। इसकी जगह पर नए मोटर यान (संशोधन) नियमावली 2025 तैयार होगी।

इस प्रक्रिया को शुरू करने के लिए केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्रालय ने एक अधिसूचना जारी की है और इसमें किए जा रहे नए नियमों के प्रावधान की जानकारी दी गई है। केंद्र सरकार जो नए प्रावधान करने की तैयारी की है। उन प्रावधान पर कोई भी नागरिक तीस दिन के अंदर अपनी आपत्तियां या सुझाव मंत्रालय को दे सकता है। इन सुझावों को नए नियमों में इस्तेमाल किया जाएगा। इसके बाद जारी होने वाली अधिसचूना की तारीख से नए नियमों को लागू किया जाएगा।

अपर सचिव के आदेश से अधिसूचना जारी की गई

अधिसूचना के मुताबिक एक अक्तूबर 2026 को या उसके बाद सभी ढुलाई वाले ट्रैक्टर वाहन अवस्थिति (लोकेशन) ट्रैकिंग उपकरण (वीएलटीडी) से लैस होंगे। वीएलटीएस को तय मानकों के अनुरूप तैयार लगाया जाएगा, ताकि ट्रैक्टरों की साथ इलेक्ट्रानिक पहचान और युग्मन संभव हो सके। इसके बाद एक अप्रैल 2027 को इन सभी ट्रैक्टर का महत्त्वपूर्ण आंकड़ा एकत्र करने के लिए एक इवेंट डेटा रिकार्डर (ईडीआर) लगाया जाएगा। ईडीआर परिचालन घटनाओं का विश्लेषण करने और सुरक्षा निगरानी बढ़ाने के लिए आवश्यक मानदंडों को रिकार्ड करने में सक्षम होगा।

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इस बाबत अपर सचिव महमूद अहमद के आदेश से अधिसूचना जारी की गई है। वर्तमान में टैक्टर को कृषि प्रयोग के लिए पंजीकृत किया जाता है और इसका प्रयोग यात्रियों को ले जाने के लिए नहीं है। इस स्थिति में भारी जुर्माना लगाने का प्रावधान है। इसके लिए अधिकतम गति सीमा 40 किलो मीटर प्रतिघंटा तय की गई है। तय प्रावधान के तहत ट्रैक्टर व ट्राली दोनों का ही पंजीकरण अनिवार्य होता है। इसे कोई भी हल्के वाहन का लाइसेंस (एलएमवी) रखने वाला व्यक्ति चला सकता है।

केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्रालय ने अधिसूचना जारी की

इस प्रक्रिया को शुरू करने के लिए केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्रालय ने एक अधिसूचना जारी की है और इसमें किए जा रहे नए नियमों के प्रावधान की जानकारी दी गई है। केंद्र सरकार जो नए प्रावधान करने की तैयारी की है। उन प्रावधान पर कोई भी नागरिक तीस दिन के अंदर अपनी आपत्तियां या सुझाव मंत्रालय को दे सकता है। इन सुझावों को नए नियमों में इस्तेमाल किया जाएगा। इसके बाद जारी होने वाली अधिसचूना की तारीख से नए नियमों को लागू किया जाएगा।