परमानेंट अकाउंट नंबर यानी पैन एक बेहद ही महत्वपूर्ण सरकारी दस्तावेज है। पैसों के बड़े लेन-देन में इस दस्तावेज की मांग की जाती है। पैन कार्ड के कई फायदे हैं जिनमें मुख्य तौर पर इनकम टैक्स रिटर्न, पहचान और फोटो का वैध प्रमाण, बैंक सम्बंधित कार्य और लोन आवेदन शामिल हैं।
अगर आपके नाम पर दो पैन कार्ड इश्यू हैं तो इसमें से एक कार्ड को सरेंडर करना होता है। ऐसा न करने पर आप पर जुर्माना लगाया जा सकता है। एक ही व्यक्ति अगर अपने नाम पर दो पैन कार्ड रखता है तो यह गैर-कानूनी माना जाता है। कोई भी व्यक्ति, फर्म या संयुक्त उपक्रम इसके लिए अप्लाई कर सकता है। इसके लिए न्यूनतम या अधिकतम आयु सीमा नहीं है।
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- कई बार ऐसा होता है कि पैन कार्ड खो जाता है या चोरी हो जाता है। ऐसे में पैनकार्डधारक पैन का रीप्रिंट ले सकते हैं। पैन का रिप्रिंट लेना सिर्फ तभी संभव है जब कार्ड के ब्योरे में कोई बदलाव नहीं करना हो। अगर कोई पैन कार्ड की डिटेल में बदलाव कर पैन रिप्रिंट करना चाहता है तो ऐसा नहीं हो सकता।
- पैन कार्ड धारक आसानी से यह पता लगा सकते हैं कि उन्हें पैन कार्ड किस तारीख पर जारी किया गया था। इसके लिए कार्ड के निचले-दाईं ओर छपे वर्टिकल डिजिट (कार्डधारक की तस्वीर के बगल में) (DDMMYYY फॉर्मेंट में) के तौर पर होती है।
- आप आधार-आधारित ई-केवाईसी का इस्तेमाल करके तत्काल पैन प्राप्त कर सकते हैं। हालांकि इसके लिए शर्त यह है कि आपके पास एक वैध आधार नंबर होना चाहिए जो पहले कभी किसी दूसरे पैन से लिंक न हुआ हो। हाल ही में नया ई-फाइलिंग पोर्टल लांच किया गया है, जिससे आप आसानी ई-पैन कार्ड डाउनलोड कर सकते हैं। इस पोर्टल पर टैक्स से जुड़े सभी काम निपटाए जा सकते हैं।
- नियम के अनुसार पैन को आधार से लिंक करवाना अनिवार्य है। ऐसा ना कराने पर इनकम टैक्स एक्ट की धारा 139एए के तहत आपका पैन अमान्य करार दिया जाएगा।