राजधानी दिल्ली में एक जुलाई से तय उम्र पार कर चुके पुराने वाहनों को ईंधन नहीं मिलेगा। इस आदेश को सख्ती से लागू करने की तैयारी पूरी कर ली गई है। दिल्ली के अधिकतर पेट्रोल और सीएनजी पंपों पर ऐसे वाहनों की पहचान के लिए स्वचालित नंबर प्लेट पहचान (एएनपीआर) कैमरे लगाए जा चुके हैं।

इस व्यवस्था के तहत 10 साल से पुराने डीजल और 15 साल से अधिक पुराने पेट्रोल वाहनों को पेट्रोल-डीजल या सीएनजी नहीं दी जाएगी। वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग के निर्देश के बाद यह फैसला लिया गया है ताकि दिल्ली की बिगड़ती वायु गुणवत्ता में सुधार लाया जा सके।

दिल्ली में करीब 400 पेट्रोल पंप और 160 सीएनजी स्टेशन हैं

परिवहन विभाग ने हाल ही में सार्वजनिक नोटिस जारी कर साफ किया कि कैमरों या अन्य निगरानी तंत्र से पकड़े गए पुराने वाहनों पर मोटर वाहन अधिनियम, 1989 के तहत कानूनी कार्रवाई की जाएगी और उन्हें ईंधन नहीं दिया जाएगा। दिल्ली में फिलहाल करीब 400 पेट्रोल पंप और 160 सीएनजी स्टेशन हैं, जिनमें से 90% से अधिक पर कैमरे लगाए जा चुके हैं। बचे हुए पंपों पर 30 जून तक कैमरे लगाने का काम पूरा कर लिया जाएगा।

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इस बीच पुराने वाहन रखने वालों को सलाह दी गई है कि वे या तो अपने वाहन राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) से बाहर ले जाएं या अधिकृत वाहन स्क्रैपिंग केंद्र (आरवीएसएफ) में कबाड़ कराएं। इसके लिए परिवहन विभाग से अनापत्ति प्रमाण पत्र लेना अनिवार्य होगा। दिल्ली पेट्रोल डीलर्स एसोसिएशन इस मुद्दे पर परिवहन विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक भी करने जा रहा है, ताकि आदेश के क्रियान्वयन में किसी प्रकार की समस्या न आए।

दिल्ली में जिन वाहनों की निर्धारित अवधि समाप्त हो गई है, मार्च 2025 तक उनकी संख्या अनुमानित 61 लाख 14728 आंकी गई है। वहीं, हरियाणा में इनकी संख्या 27,50,152, उत्तर प्रदेश में 12,69,598 और राजस्थान में 6,20,962 बताई गई है। दिल्ली में 2023 तक 22397 और 2024 में 39273 वाहनों को जब्त किया जा चुका है जबकि हरियाणा में 2023 में 220 और 2024 में 4021, उत्तर प्रदेश में 3058 और 2024 में 1934 और राजस्थान में 2023 में 389 और 2024 में 1107 वाहनों को जब्त करने की कार्रवाई की गई है।