भारत की पहली रैपिड रेल दिल्ली से मेरठ (Delhi-Meerut Rapid Rail) के बीच में चलने के लिए तैयार किया जा रहा है। टैक, पिलर और स्टेशनों के निर्माण के कार्य तेजी से चल रहे हैं। इस ट्रेन (Delhi Meerut RRTS Train) में भारतीय रेलवे द्वारा हाल ही में प्रशिक्षण किए गए ‘कवच’ तकनीक से जोड़ा गया है, इस तकनीक से दो ट्रेनें आपस में टकराने से पहले ही कुछ किलोमीटर पहले ही रुक जाती है। इस ट्रेन के कोच का फर्स्ट लुक सामने आया है। साथ ही कुछ महत्वपूर्ण जानकारियां भी मिली हैं।
नई आरआरटीएस ट्रेन यात्रियों के लिए एक अच्छा यात्रा अनुभव प्रदान करने के लिए डिज़ाइन की गई ट्रेन है। यह अन्य के अपेक्षा यात्रियों को अधिक सुरक्षा प्रदान करता है। ट्रेन के निर्माण का पहला चरण 2021 में शुरू हुआ था और अब इस साल के अंत तक परीक्षण किया जाएगा। उम्मीद की जा रही है कि इसे अगले साल तक शुरू कर दिया जाएगा।
क्या होगी खासियत
रैपिड रेल की खासियत की बात करें तो इसमें छह कोचें होंगे, जिसे उपयोग के आधार पर बढ़ाकर 9 तक किया जाएगा। इन छह कोचों में से एक प्रीमियम कोच होगा, जिसमें वाई-फाई से लेकर कई हाई फैसिलिटी वाली सुविधाएं दी जाएंगी।
1500 लोग करेंगे सफर
ट्रेन के छह डिब्बों में कुल 407 सीटें होगी। ट्रेन में एक बार में 1500 यात्री सफर कर सकेंगे। इस ट्रेन को देखने से प्रतीत होता है कि इसे एक विमान के सेफ में डिजाइन किया गया है। ट्रेन का डिजाइन ट्रेन की गति को भी ध्यान में रखते हुए की गई है।
मेट्रो से तीन गुना अधिक होगी स्पीड
यह मेट्रो से तीन गुना स्पीड हासिल करने में सक्षम है। यह ट्रेन की औसत गति 100 किमी/घंटा और अधिकतम गति 160 किमी/घंटा है। ट्रेन के मार्च 2023 तक चलाने की उम्मीद की गई है। उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद जिले में साहिबाबाद के बीच पांच स्टेशनों को कवर करते हुए उत्तर प्रदेश में दुहाई तक इसे पहली बार चलाया जाएगा।