कोरोना संक्रमण के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। देश में अबतक इस खतरनाक वायरस के 8 लाख से ज्यादा मामले हो चुके हैं। केंद्र सरकार के साथ-साथ राज्य सरकारें भी अपने स्तर पर संक्रमण को फैलने और मरीजों के इलाज के लिए लगातार नए-नए प्रयास कर रही है। बीमारी कोई भी हो लेकिन एकबार असप्ताल में भर्ती होने पर मोटा बिल मरीज के नाम पर फाड़ दिया जाता है।
कोरोना का इलाज सरकारी अस्पतालों में तो मुफ्त पाया जा सकता है लेकिन अगर बेहतरीन सुविधाएं चाहिए हों तो लोग प्राइवेट अस्पतालों का रुख कर करते हैं। प्राइवेट अस्पताल बेहतरीन सुविधाएं तो देते हैं पर उसके बदले में मरीज से मोटी रकम बिल के रूप में वसूलते हैं। ऐसे में संकट की इस घड़ी में अगर आप भी कोरोना की चपटे में आ जाएं और प्राइवेट अस्पताल में भर्ती होना पड़े तो आपको भी अपनी जेब ढीली करनी पड़ सकती है।
ऐसे में इंश्योरेंस रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (इरडा) ने 29 कंपनियों को चुनकर शॉर्ट टर्म ‘कोरोना कवच पॉलिसी’ को मंजूरी दी है। इसके तहत पॉलिसीधारक को शॉर्ट टर्म के लिए कोरोना के लिए होने वाले खर्च के लिए क्लेम की सुविधा दी जाएगी।
इरडा के गाइडलाइंस के मुताबिक, शॉर्ट टर्म के लिए पॉलिसी साढ़े तीन महीने, साढ़े छह महीने और साढ़े नौ महीने के लिए पॉलिसीधारकों को उपलब्ध कराई जाएं। ग्राहक अपने बजट के मुताबिक 50 हजार से लेकर 5 लाख रुपये तक की क्लेम पॉलिसी को चुन सकते हैं। इरडा ने जिन 29 जनरल और हेल्थ इंश्योरेंस कंपनियों को इस तरह की पॉलिसी लाने और उन्हें बेचने की मंजूरी दे दी है।
इनमें HDFC Ergo, Max Bupa, Bajaj Allianz, Bharti AXA and Tata AIG, Oriental Insurance, National Insurance, SBI General Insurance, ICICI Lombard जैसी कंपनियां शामिल हैं।