आज के दौर में पैन व आधार कार्ड एक जरुरी दस्‍तावेज बन गया है। ऐसे में अपने पैन कार्ड और आधार कार्ड को बहुत ही सुरक्षित रखने की आवश्‍यकता होती है, क्‍योंकि इससे जुड़ी गोपनीय जानकारी किसी के हाथ लगने से परेशानी हो सकती है। ऐसा भी हो सकता है कि कोई इससे जुड़ी जरुरी जानकारी लेकर आपके खाते से पैसा भी चुरा ले। ऐसे में अगर किसी की मौत हो जाती है तो उसका दस्‍तावेज सुरक्षित रख पाना बेहद चुनौतिपूर्ण हो सकता है। यहां हम आपको जानकारी देंगे कि मृतक व्‍यक्ति के जरुरी दस्‍तावेज का क्‍या करना चाहिए।

पैन कार्ड का क्‍या करना चाहिए
साल के अंत में इनकम टैक्‍स रिटर्न भरा जाता है। ऐसे में तबतक के लिए मृतक के पैन कार्ड को संभालकर रखना चाहिए। जब रिटर्न भर लिया जाए और आपके खाते में पैसे आ जाए तो पैन कार्ड आयकर विभाग को एकाउंट बंद कराने के लिए दे देना चाहिए। पैन कार्ड विभाग को सौंपने से पहले मृतक के सभी खातों को बंद करा दें या परिवार के ही किसी सदस्य के नाम पर पैसा ट्रांसफर करा लें। साथ ही किसी तरह के बकाया को भी आयकर विभाग से रिफंड करा लें। वहीं अगर पैन कार्ड बंद कराना चाहते हैं तो मृतक के कानूनी उत्तराधिकारी को असेसमेंट ऑफिसर को एक एप्लीकेशन देना होगा और आपको पैन कार्ड सरेंडर करना होगा। इसके साथ ही मृतक का नाम, पैन कार्ड का नंबर, जन्मतिथि और डेथ सर्टिफिकेट को उससे अटैच करना होगा।

आधार कार्ड का क्‍या करना चाहिए
आधार कार्ड एक जरुरी दस्‍तावेज के रूप में जाना जाता है। आधार नंबर की जानकारी होने पर कोई भी इसका दुरुप्रयोग कर स‍कता है। यह डॉक्यूमेंट बेहद जरूरी है। अगर ये खो जाता हैं तो मृतक के परिवार को परेशानी हो सकती है। आप पैन को तो सरेंडर करा सकते हैं लेकिन आधार को बंद कराने का कोई तरीका नहीं है। इसे बंद नहीं कराया जा सकता, इसलिए इसे संभाल कर रखना चाहिए।

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वोटर आईडी का क्‍या करना चाहिए
अगर मृतक का वोटरआई बंद कराना है तो आपको संबंधित विभाग या अधिकारी से संपर्क करना होगा। जानकारी के अनुसार फॉर्म 7 के अंतर्गत मृतक का नाम व जरुरी दस्‍तावेज के साथ फॉर्म जमा करना होगा। साथ में मृतक व्‍यक्ति का वोटर आईडी भी देना होगा।

पासपोर्ट का क्‍या करें
पासपोर्ट के संबंध में, मृत्यु पर समर्पण या रद्द करने का कोई प्रावधान नहीं है। एक बार पासपोर्ट की समय सीमा समाप्त हो जाने के बाद, यह डिफ़ॉल्ट रूप से अमान्य हो जाता है। इसी तरह अगर आप डीएल को रद्द कराना चाहते हैं तो आरटीओ ऑफिस से संपर्क कर इसे रद्द करा सकते हैं। लेकिन अलग- अलग राज्‍य की रद्द करने की अलग अलग प्रक्रिया होती है।