भारतीय रिजर्व बैंक के पास पुराने सिक्‍कों का सबसे अधिक कलेक्‍शन है। इस बात से तो आप अवगत होंगे ही, लेकिन क्‍या आपको पता है कि आरबीआई के बाद कहां पर पुराने सिक्‍कों की संख्‍या सबसे अधिक है? अगर आप नहीं जानते हैं तो चलिए हम आपको इस बारे में पूरी जानकारी देते हैं। यहां पर चौथी शताब्‍दी ईसा पूर्व से लेकर 1818 तक के दूसरे नंबर पर सबसे अधिक पुराने सिक्‍कों का कलेक्‍शन है।

यह जगह कोई और नहीं बल्कि राजस्‍थान के संग्रहालय हैं, यहां करीब 2.11 लाख की संख्‍या के सिक्‍कों को 21 ऐतिहासिक अवधियों में बांटकर रखा गया है। इसे संग्रहालय और पुरातात्विक विभाग के द्वारा की गई 271 खुदाई में पाया गया है। ये सिक्‍के 1950 से अभी तक की खुदाई में पाए गए हैं। इन संग्रहालयों में आदिवासी काल के भी सिक्‍के मौजूद हैं। सबसे अधिक पुराने सिक्‍कों की संख्‍या जोधपुर के संग्रहालय में रखा गया है, यहां कुल 1.1 लाख की संख्‍या में सिक्‍के रखे गए हैं।

सबसे अधिक मौर्य काल के सोने के सिक्‍के
जोधपुर के संग्रहालय में मौर्य काल के सोने के सिक्‍के रखे गए है, जिसमें 550 सोने के सिक्‍के हैं। हालाकि इसमें से कुछ अन्‍य काल के साने के सिक्‍के हैं। वहीं इस अधिकांश सिक्‍के ताबें, मिश्रित और कांस्‍य धातु के बने हुए हैं।

इतिहासकारों के मिथक को समाप्‍त कर रहें सिक्‍के
डीएएम के निदेशक महेंद्र खडगावत ने कहा कि ये सिक्‍के सार्वजनिक रूप से लोगों के सार्वजनिक रूप से रखने पर इतिहासकारों और आम लोगों के लिए जानकारी के द्वारा खोल देगा। उन्‍होने कहा कि इन सिक्‍कों की वजह से वर्तमान इतिहासकारों के बीच सही जानकारियां मिल रही हैं और इनके बीच मिथक खत्‍म हो रही है।

4BC के सबसे पुराने सिक्‍के
सबसे पुराने सिक्‍के मौर्य काल के 4 बीसी के हैं, जो मध्‍य राजस्‍थान में सदियों से खोजने के दौरान मिले हैं। खडगावत के अनुसार, ये सिक्‍के केवल भारतीय महाद्वीप को ही नहीं प्रदर्शित करती है, बल्कि ये सिक्‍के चोला, चेरा, पांडियन, पल्‍लव, इंडो ग्रीक, आदिवासी से लेकर, मुगल और ब्रिटीश युग के सिक्‍कों के बारे में जानकारी देते हैं। उन्‍होंने कहा कि हर सिक्‍का एक अलग युग और कहानी को दर्शाता है। इन सिक्‍कों पर गाय, बैल, गेहूं और मूर्तियों की आकृति बनाई गई है।

खोजे गए मौर्य काल के 200 सोने के सिक्‍के
नवीनतम में चंद्रगुप्‍त मौर्य काल के 200 से अधिक सोने के सिक्‍कों को शामिल किया है। टाइम्‍स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट में खडगावत ने कहा कि इन सोने के सिक्‍कों को जान‍कीपुरा गांव से 2016 और 2017 के दौरान खोजा गया है, जिसे डीएएम को सौंप दिया गया है।