भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) ने शनिवार को एक बयान में स्पष्ट किया कि किसी को भी वैक्सीन, दवा, अस्पताल में भर्ती या उपचार के लिए बारह अंकों का आधार नंबर देना अनिवार्य नहीं है। यूआईडीएआई के मुताबिक किसी भी नागरिक को आधार के लिए ईलाज की किसी भी सर्विस से मना नहीं किया जाना चाहिए।

यूआईडीआई की तरफ से ये स्पष्टीकरण ऐसे समय पर आया जब ऐसी खबरें हैं कि लोगों को आधार न देने पर अस्पताल में भर्ती होने, कोविड वैक्सीनेशन और ऑक्सीजन की आपूर्ति जैसी आवश्यक सेवाएं देने से मना किया जा रहा है।

कोविड महामारी की मौजूदा परिस्थितिथि को देखते हुए किसी को भी आधार न होने पर जरूरी सेवाओं से जुड़ी सर्विस/लाभ से मना नहीं किया जा सकता। अगर किसी के पास आधार नहीं या किसी का आधार ऑनलाइन वेरिफिकेशन किसी वजह से पूरा नहीं हो सका है तो संबंधित विभाग और एजेंसी को आधार एक्ट, 2016 के 7वें सेक्शन या कैबिनेट सेक्रेटेरियट ऑफिस मेमोरेंडम 19 दिसंबर 2017 के तहत जरूरी सेवाएं देने से मना नहीं किया जा सकता।

विभाग या एजेंसी द्वारा किसी जरूरी सेवा को न देने के पीछे आधार कार्ड न होने का बहाना नहीं थोपा जा सकता। कोई भी अस्पताल आधार नहीं होने की सूरत में इलाज से मना नहीं कर सकता है। अगर ऐसा पाया जाता है तो असप्ताल की शिकायत इरडा से की जा सकती है।