7th Pay Commission, 7th CPC Latest News, UP Government Employees: उत्तर प्रदेश सरकार ने वेतनमान और भत्तों से जुड़ी विसंगतियों को दूर करने के लिए पांच सदस्यीय समिति गठित करने का निर्णय लिया है। अब इस बीच सरकारी कर्मचारियों का प्रतिनिधित्व करने वाले विभिन्न संगठनों ने उन भत्तों की बहाली की मांग शुरू कर दी है, जिन्हें सरकार ने 2020 में कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में खत्म कर दिया था।
12 मई, 2020 को राज्य सरकार ने कोविड-19 महामारी के खिलाफ लड़ाई के लिए कई भत्तों को खत्म कर दिया था। राज्य सरकार ने प्रति वर्ष 1500 करोड़ रुपये की राशि बचाने का प्रस्ताव रखा था। इसी कड़ी में 30 जून, 2021 तक डीए (महंगाई भत्ता) को फ्रीज करने का भी फैसला किया गया था।
मुख्य सचिव आरके तिवारी समिति के प्रमुख हैं इसमें कार्मिक और वित्त विभागों के अतिरिक्त मुख्य सचिव भी शामिल हैं। सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के लागू होने के बाद वेतनमान और भत्तों में विसंगतियों को दूर करने के बारे में यह वेतन समिति अपने सुझावों को राज्य मंत्रिमंडल को देंगी।
उत्तर प्रदेश कर्मचारी संयुक्त परिषद के अध्यक्ष हरि किशोर तिवारी ने कहा है कि ‘हम समिति से उत्तर प्रदेश में सातवें वेतन आयोग (7th Pay Commission) की सिफारिशों को लागू करने के बाद वेतनमान और भत्तों में विसंगतियों को दूर करने की सिफारिश करने का भी आग्रह करेंगे। राज्य सरकार ने वेतन समिति की कई सिफारिशों को लागू नहीं किया है। हम रद्द किए गए भत्तों को बहाल करने की मांग करेंगे।’
बता दें कि वृंदा स्वरूप की अध्यक्षता वाली वेतन समिति ने 2018 में अपनी रिपोर्ट सौंपी थी और विभिन्न भत्तों में वृद्धि या उन्हें खत्म करने की सिफारिश की थी। राज्य सरकार ने अभी भी कई सुझावों को लागू नहीं किया है।