केंद्र सरकार और कुछ राज्य सरकारों ने हाल में महंगाई भत्ता (डीए) और महंगाई राहत भत्ता (डीआर) में बढ़ोत्तरी की है। डीए और डीआर को 17 फीसदी से बढ़ाकर 28 फीसदी कर दिया गया है। इस फैसले के बाद सैलरी और पेंशन बढ़कर मिलने लगेगी।
कर्मचारियों को डीए और पेंशनर्स को डीआर इसलिए दिया जाता है ताकि बढ़ती महंगाई का असर उनपर कम से कम पड़े। इन दोनों में फर्क सिर्फ इतना है कि डीए कर्मचारियों को दिया जाता है और डीआर पेंशनर्स को। एक तरह से नाम के अलावा दोनों में कोई विशेष अंतर नहीं है।
डीए साल में दो बार बढ़ाया जाता है तो वहीं डीआर भी साल में दो बार बढ़ता है। यानी हर 6 महीने में इसमें वृद्धि की जाती है। ऑल इंडिया कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स (एआईसीपीआई) के महंगाई के आंकड़ों की अनुशंसा के बाद इनपर फैसला लिया जाता है।
7th Pay commission: केंद्रीय कर्मचारियों के लिए बड़ी खुशखबरी, महंगाई भत्ता 17 से बढ़कर 28%
29 जून 2016 को सरकार ने सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों को स्वीकार कर लिया गया था। यानी कि 2016 के बाद से ही कर्मचारियों की सैलरी और पेंशनर्स की पेंशन में संशोधन किया गया था। पर अब 2021 चल रहा है। ऐसे में 2016 में तय सैलरी और पेंशन स्ट्रक्चर मौजूदा महंगाई के हिसाब से फिट नहीं बैठते। प्राइवेट कर्मचारियों की तरह सरकारी कर्मचारियों की सैलरी में हर साल इंक्रीमेंट नहीं होता। यानी बढ़ती महंगाई 2016 में तय सैलरी और पेंशन असर डालती हैं। ऐसे में डीए और डीआर के जरिए इसे बैलेंस करने की कोशिश की जाती है।
बता दें कि कर्मचारियों को 1 जुलाई से मूल वेतन का 28 फीसदी महंगाई भत्ता (डीए) मिलेगा। केंद्र ने इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। इसके साथ ही कर्मचारियों के हाउस रेंट अलाउंस (HRA) में भी बढ़ोतरी की गई है, यानी केंद्र सरकार के कर्मचारियों का अगस्त वेतन एक साथ दो बढ़ोत्तरी का फायदा मिलेगा।