केंद्र सरकार ने एक अहम फैलसा लिया है, इससे लाखों कर्मचारियों को फायदा मिलने वाला है। भारत सरकार ने उन मामलों में समग्र स्थानांतरण अनुदान (CTG) की सीमा को खत्म करने का फैसला किया है, जहां सेवानिवृत्त होने वाला कर्मचारी ड्यूटी के अंतिम स्टेशन पर या 20 किलोमीटर की अधिक जगह पर बसता है। इस फैसले से रिटायर कर्मचारियों को फायदा मिलने वाला है। अभी तक केंद्र सरकार उन कर्मचारियों को सीटीजी का एक-तिहाई भुगतान करती है जो ड्यूटी के आखिरी स्टेशन पर या आखिरी स्टेशन से 20 किमी से अधिक दूर नहीं रहता है।
सरकार ने अंतिम ड्यूटी स्टेशन से 20 किमी की शर्त को खत्म करने जा रही है। सरकार द्वारा संशोधित इस नियम के अनुसार, अब कोई भी केंद्रीय कर्मचारी, जो रिटायर हो चुका है। सेवानिवृत्ति के बाद ड्यूटी के अंतिम स्टेशन पर या किसी अन्य स्थान पर बसने के लिए पूर्ण सीटीजी ले सकेंगे। हालांकि, अनुदान का दावा करने के लिए निवास का वास्तविक परिवर्तन शामिल होना चाहिए। दूसरी ओर, जो कर्मचारी किसी अन्य स्थान पर बस जाते हैं, वे 100% सीटीजी प्राप्त करने के पात्र होते हैं।
बता दें कि वर्तमान में, CTG को केंद्र सरकार को अंतिम आहरित वेतन के मूल वेतन का 80% जमा किया जाता है। हालांकि, अंडमान और निकोबार और लक्षद्वीप के द्वीप क्षेत्रों में या बाहर जाने वाले कर्मचारियों को उनकी सेवानिवृत्ति के बाद मूल वेतन का 100% प्रदान करता है।
6 जनवरी को जारी एक ज्ञापन में व्यय विभाग, वित्त मंत्रालय ने कहा कि कम्पोजिट ट्रांसफर ग्रांट के प्रयोजन के लिए सेवानिवृत्ति के बाद ड्यूटी के अंतिम स्टेशन या उसके अलावा 20 किमी की शर्त को हटा दिया जाता है। सेवानिवृत्ति के बाद ड्यूटी के अंतिम स्टेशन या ड्यूटी के अंतिम स्टेशन के अलावा अन्य स्टेशन पर बसने के लिए पूर्ण सीटीजी लागू होगा यानी कि मूल वेतन से 80 फीसद की दर से सीटीजी जारी होगी।
CTG का दावा कैसे करें
CTG सरकार द्वारा प्रदान किया जाने वाला एकमुश्त अनुदान है, जो सेवानिवृत्त कर्मचारियों को ड्यूटी के अंतिम स्टेशन से स्थानांतरित करने में मदद करता है। इसका दावा करने के लिए केंद्र सरकार के कर्मचारी को निर्धारित प्रारूप में निवास परिवर्तन के संबंध में एक स्व-घोषणा प्रमाण पत्र जमा करना होगा।