पब्लिक सेक्टर के सामान्य बीमा कर्मचारियों के लंबित संशोधित वेतन को लेकर सीपीआई के राज्यसभा सांसद ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को पत्र लिखा हैं। उन्होंने बीमा कर्मचारियों का वेतन जल्द संशोधित करने के लिए अपील की है। राज्यसभा सांसद बिनॉय विश्वम ने कहा कि 2017 में इन कर्मचारियों के वेतन में संशोधन अनिवार्य किया गया था, लेकिन 5 साल बाद भी संशोधित वेतन नहीं जारी किया गया है।
वित्त मंत्री को लिए पत्र में उन्होंने कहा कि अगस्त 2017 में सार्वजनिक क्षेत्र की सामान्य बीमा कंपनियों के कर्मचारियों के वेतन संशोधन को अनिवार्य किया गया था। लेकिन पांच साल बीत जाने के बाद भी आज तक इसका कोई समाधान नहीं निकला है। यह आवश्यक है कि इन कर्मचारियों के लिए वेतन संशोधन जल्द से जल्द हो।
उन्होने कहा कि वेतन संशोधन, जो कर्मचारियों का अधिकार है, हर 5 साल में होता है और अप्रैल 2019 में शुरुआती बातचीत के बाद से रुका हुआ है। सामान्य बीमा कर्मचारी अखिल भारतीय संघ ने अभी तक इस संबंध में कोई कार्रवाई नहीं की है। वर्तमान में सार्वजनिक क्षेत्र की साधारण बीमा कंपनियां जैसे न्यू इंडिया एश्योरेंस कंपनी लिमिटेड, नेशनल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड, यूनाइटेड इंडियाज इंश्योरेंस कंपनी आईटीडी, ओरिएंटल इंश्योरेंस कंपनी जैसी कंपनियां शामिल हैं।
गौरतलब है कि जनरल इंश्योरेंस कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया पूरे भारत में 7200 कार्यालयों में 53700 से अधिक लोगों को रोजगार देता है। राज्यसभा सांसद ने कहा कि 250 से अधिक कर्मचारियों की कोरोना वायरस के कारण मौत होने के बावजूद कोविड -19 महामारी के दौरान उनका योगदान बेहतर रहा है। यह भी ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि पीएसजीआई कंपनियां कई सरकारी कल्याणकारी योजनाओं की रीढ़ हैं और उन्होंने भारत के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
केंद्र सरकार सरकारी कर्मचारियों के वेतन में एक और बढ़ोतरी कर सकता है। इन कर्मचारियों के महंगाई भत्ते में बढ़ोतरी कर सकता है। यह बढ़ोतरी जुलाई में की जा सकता है। चर्चा है कि सरकारी कर्मचारियों का महंगाई भत्ता 4 फीसद बढ़ सकता है, जिसके बाद इन कर्मचारियों के सैलरी में बड़ा इजाफा होने की उम्मीद है।