गुवाहटी हाई कोर्ट ने कहा है कि राज्य के सरकारी कर्मचारियों का वेतन कोविड वैक्सीनेशन न होने की स्थिति में नहीं रोका जा सकता। इसके साथ ही कोविड टेस्टिंग के लिए उनसे कोई शुल्क नहीं लिया जाना चाहिए। कोर्ट ने इस पर एक अंतरिम निर्देश पारित किया है और राज्य सरकार के इस फैसले पर रोक लगा दी है।

नागालैंड कोविड के मामले लगातार कम हुए हैं। मौजूदा परिस्थिति को देखते हुए राज्य सरकार ने स्कूल, कॉलेज खुलना शुरू कर दिए हैं। ऐसे में राज्य सरकार ने इसके लिए गाइडलाइन्स जारी की थी पर इस पर कोर्ट ने असहमति जताई है और इसे बदलने के लिए कहा है।

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न्यायमूर्ति सोंगखुपचुंग सर्टो और न्यायमूर्ति एस हुकातो स्वू की खंडपीठ एक याचिका की सुनवाई के दौरान यह बात कही। इस याचिका में राज्य सरकार के उस ऑर्डर को चुनौती दी गई थी जिसमें नागालैंड सिविल सचिवालय और निदेशालयों में कार्यरत कर्मचारियों की कार्यालय में उपस्थिति वैक्सीनेशन के बाद तय की गई थी। इस संबंध में राज्य सरकार ने 17 जुलाई 2021 को ऑर्डर जारी किया था।

कोर्ट ने अपने आदेश में कहा ‘सरकारी कर्मचारियों से कोविड टेस्टिंग के लिए शुल्क नहीं लिया जाना चाहिए और वैक्सीनेशन नहीं होने के वजह से उनका वेतन नहीं रोका जाना चाहिए। किसी पर भी फिलहाल वैक्सीनेशन को थोपा नहीं जा सकता है हालांकि वैक्सीन लगवाने की सलाह जरूर दी जा सकती है। कोर्ट ने इस मामले में नागालैंड सरकार के गृह विभाग के मुख्य सचिव और प्रमुख सचिव से जवाब मांगा था।