केंद्र सरकार नेशनल पेंशन स्‍कीम (NPS) के तहत केंद्रीय कर्मचारियों के मौत के बाद उनके आश्रितों को पुरानी पेंशन योजना देती है। अब इसी के तर्ज पर बिहार की नीतीश कुमार की सरकार नेशनल पेंशन योजना के तहत मृतक कर्मचारियों के आश्रितों को लाभ देने पर विचार कर रही है। इसे लेकर बिहार सरकार के वित्त विभाग के सचिव की अध्‍यक्षता में एक कमेटी गठित की गई है।

भास्‍कर की एक रिपोर्ट के अनुसार, कमेटी की रिपोर्ट इस साल जून के अंत में पेश की जा सकती है। अगर यह बदलाव होता है तो नए नियम के तहत कर्मचारियों के मौत होने के बाद आश्रितों को उनके आखिरी वेतन का 50 फीसदी राशि पेंशन के तौर दिया जाएगा। लेकिन इस बदलाव का लाभ नए कर्मचारियों को ही दिया जाएगा। हालाकि बाद में केंद्र सरकार की तरह ही बिहार सरकार इसे पुराने कर्मचारियों के लिए लागू कर सकता है।

सरकार ने क्‍या किया था बदलाव
बता दें कि एनपीएस के तहत नए और पुराने सभी केंद्रीय कर्मचारियों को रखा गया है, जिनकी मौत होने पर उनके आश्रितों को पुरानी पेंशन योजना का लाभ दिया जाता है। हालाकि केंद्र सरकार की ओर से शर्त रखी गई है कि कर्मचारियों के मौत होने की स्थिति में अब पेंशन पाने के लिए सात साल की न्यूनतम सर्विस करनी होगी, जबकि पहले 10 साल सर्विस करने का नियम लागू था।

कब और कितना मिलेगा लाभ
कर्मचारियों के मौत होने के बाद परिवार के सदस्‍य (आश्रित) को 7 साल तक बेसकि सैलरी का 50 प्रतिशत और साथ में महंगाई भत्ता जोड़ते हुए पेंशन दिया जाएगा। वहीं 7 साल के बाद बेसिक सैलरी का 30% और महंगाई भत्ता भी जोड़ते हुए दिया जाएगा। उदाहरण से समझें तो किसी कर्मचारी की मौत हो जाती है और उसकी सैलरी 60 हजार है तो परिवारिक के सदस्‍य को 7 सात तक 30 हजार रुपए और 7 साल के बाद 18,000 रुपए दिए जाएंगे।

कितने लोग एनपीएस का लाभ
केंद्र सरकार की ओर से नेशनल पेंशन स्‍कीम को 2004 में पेश किया गया था, जिसके बाद 2005 में बिहार में भी लागू कर दिया गया। इस योजना के तहत अभी तक 1.95 लाख कर्मचारी इसके दायरे में आते हैं।