केंद्र सरकार की ओर से जरूरी दवाओं की नई सूची जारी की गई है। इस लिस्‍ट में 34 नई दवाओं को शामिल किया गया है तो वहीं 26 दवाओं को इस लिस्‍ट से हटा दिया गया है। अब आवश्यक दवाओं की राष्ट्रीय सूची ( एनएलईएम 2022) में 384 दवाएं हैं, जो 2015 में शामिल 376 में से थीं। कोविड -19 दवाओं और टीकों को एनएलईएम 2022 का हिस्सा नहीं बनाया गया है क्योंकि ये आपातकालीन उपयोग के तहत आती हैं।

एनएलईएम 2022 में अधिकांश दवाएं एंटी-इन्फेक्टिव (एंटीबायोटिक्स, एंटीफंगल आदि), मधुमेह के इलाज के लिए दवाएं, एचआईवी, टीबी, कैंसर की कुछ दवाएं, गर्भनिरोधक, हार्मोनल दवाएं, कुछ रक्त के थक्के, विकारों से संबंधित दवाएं, सामान्य एंटीबायोटिक्स जैसे मेरोपेनेम, सेफुरोक्साइम, लोकप्रिय एंटी-डायबिटिक दवाएं जैसे इंसुलिन ग्लार्गिन और टेनेलिग्लिप्टिन एनएलईएम 2022 का हिस्सा हैं।

कैसे बनती है दवाओं की नई सूची

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने कहा कि इस सूची का मसौदा तैयार करना एक लंबी प्रक्रिया है और पूरे भारत के लगभग 350 विशेषज्ञों ने एनएलईएम 2022 का मसौदा तैयार करने के लिए 140 से अधिक परामर्श बैठकें की हैं। इसके बाद इन दवाओं को आवश्‍यक दवाओं की सूची में शामिल किया गया है।

केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने कहा कि आवश्‍यक दवाओं की सूची सुरक्षा, प्रभाव और लागत के आधार पर तैयार किया गया है। यह सूची देश में बीमारी के बोझ और वर्तमान उपचार लाइन को ध्यान में रखते हुए तैयार की जाती हैं। साथ ही इसी आधार पर इन दवाओं की लागत भी तय की जाती है।

कैसे तय होता है दाम

एनपीपीए इन दवाओं की कीमतों को होलसेल प्राइज इंडेक्‍स मुद्रास्फीति के आधार पर तय करता है। अन्य सभी दवाओं के लिए, कंपनियों को सालाना अधिकतम 10 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी की अनुमति है।

गौरतलब है कि NLEM 2022 में 384 दवाएं लगभग 1000 फॉर्मूलेशन को कवर करेंगी। एनएलईएम 2015 में 376 दवाओं में लगभग 800 फॉर्मूलेशन शामिल थे। 2015 के दौरान अनुसूचित दवाओं (NLEM दवा) ने 1.6-1.7 ट्रिलियन रुपये के घरेलू फार्मा बाजार में लगभग 17-18 प्रतिशत का योगदान दिया था।