यूरिक एसिड आज बहुत गंभीर समस्या बन चुकी है जिसकी वजह से गठिया, जोड़ों में दर्द और आर्थराइटिस की परेशानी हो रही है। यूरिक एसिड हमारे शरीर में मौजूद प्यूरीन नाम के प्रोटीन के ब्रेकडाउन से बनता है। आमतौर यह एसिड खून के जरिए किडनी तक पहुंचता है और यूरिन के मार्ग से बाहर निकल जाता है। लेकिन जब शरीर में इस एसिड की मात्रा ज्यादा हो जाती है तो किडनी सुचारू रूप से टॉक्सिक पदार्थों को फिल्टर करने में सक्षम नहीं रह जाती। ध्यान देने वाली बात तो यह है कि वक्त पर लोगों को इसका पता नहीं चलता और ऐसे में अपने आसपास के झोलाछाप डॉक्टरों की मदद से इसको और जटिल बना देते हैं। ऐसे में गठिया की समस्या अधिक गंभीर हो जाती है।

यूनिवर्सिटी ऑफ लिमरिक स्कूल ऑफ मेडिसिन में छपी एक रिपोर्ट के अनुसार, यूरिक एसिड का उच्च स्तर किसी व्यक्ति के जीवनकाल को औसतन 9.5 और 11.7 वर्ष तक कम हो सकती है। हेल्थ एक्सपर्ट्स की मानें तो खानपान के कारण बॉडी में यूरिक एसिड का स्तर प्रभावित होता है। ऐसे में यूरिक एसिड के मरीजों को अपने खानपान के प्रति अधिक सावधानी बरतने की सलाह दी जाती है।

वरिष्ठ रूमेटोलॉजिस्ट डॉक्टर लक्ष्मण मीणा के मुताबिक, अर्थराइटिस से पीड़ित मरीजों को विटामिन सी खाने से रोगियों को इसमें फायदा मिलता है। बता दें कि कुछ ऐसे खाद्य पदार्थ हैं, जिनमें प्यूरीन की मात्रा बहुत ज्यादा होती है। ऐसे में इन चीजों के सेवन से शरीर में यूरिक एसिड का स्तर और भी बढ़ सकता है। विशेषज्ञों के मुताबिक यूरिक एसिड बढ़ने पर मरीज को शराब एवं मांस से दूर रहना चाहिए।

यूरिक एसिड के मरीजों को रोजाना सुबह 2 से 3 अखरोट खाना चाहिए। इसके अलावा हाई फायबर फूड जैसे ओटमील, दलिया, बींस, ब्राउन राईस (ब्राउन चावल) खाने से यूरिक एसिड की ज्यादातर मात्रा एब्जॉर्ब हो जाएगी और उसका लेवल कम हो जाएगा। बेकिंग सोडा, अजवाईन का सेवन रोजाना करें। इससे भी यूरिक एसिड की मात्रा कम होगी। रोजाना दिन में कम से कम एक बार एक गिलास पानी में नींबू निचोड़कर पीएं। ओमेगा 3 फैटी एसिड लेने से बचें। कुछ मछलियों की प्रजाति में जैसे ट्यूना और सालमन, इनमें ओमेगा 3 फैटी एसिड की मात्रा अधिक होती है और इन्हें खाने से यूरिक एसिड की मात्रा बढ़ जाती है।