अफगानिस्तान में तालिबानी कब्जे के बाद अस्थिरता का माहौल है। गुरुवार को काबुल एयरपोर्ट पर हुए आत्मघाती हमले के बाद भारत सरकार ने कहा है कि वहां जमीनी हालात अनिश्चित हैं और पहले लोगों की सुरक्षा करनी है। विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत लौटने के इच्छुक अधिकतर भारतीयों को अफगानिस्तान से निकाल लिया गया है। वहीं अब तालिबान अफगानिस्तान में सरकार बनाने की कवायद कर रहा है। इससे पहले ही वह भारत को भी नसीहत देने लगा है।

तालिबानी प्रवक्ता जबीउल्लाह मुजाहिद ने पाकिस्तानी टीवी चैनल को दिए इंटरव्यू में पहली बार कश्मीर का जिक्र किया। तालिबानी प्रवक्ता ने कहा कि भारत और पाकिस्तान को बैठकर बात करनी चाहिए और विवादों का हल निकालना चाहिए। दूसरे देशों से संबंधों के बारे में बोलते हुए मुजाहिद ने कहा कहा कि तालिबान सभी देशों के साथ अच्छे संबंध चाहता है। प्रवक्ता ने कहा, ‘हम चाहते हैं कि भारत अफगान लोगों के हित के हिसाब से अपनी नीतियां बनाए।’

प्रवक्ता ने यह भी कहा कि वे अपनी ज़मीन को आतंकवाद के लिए नहीं इस्तेमाल होने देंगे।मुजाहिद ने एक दिन पहले पाकिस्तान को अपना दूसरा घर भी बताया था। वहीं तालिबान के बारे में भारत के रुख पर सरकार ने कहा है कि अभी इंतजार किया जा रहा है और देखा जा रहा है। वहां की स्थिति बहुत ही अस्पष्ट है।

लोगों को अफगानिस्तान से निकालने का सिलसिला फिर शुरू
अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद देश से भाग रहे हजारों हताश लोगों को निशाना बनाकर किए गए दो आत्मघाती बम धमाकों और इनमें 100 लोगों की जान जाने के एक दिन बाद राजधानी काबुल में स्थिति के चलते उत्पन्न की एक नयी शीघ्रता के कारण निकासी उड़ानें शुक्रवार को फिर से शुरू हो गईं।

अमेरिका का कहना है कि देश के सबसे लंबे युद्ध को समाप्त करने के लिए विदेशी सैनिकों की वापसी की मंगलवार की समय सीमा से पहले और हमले होने की आशंका है। काबुल से प्रस्थान करने वाले विमानों की आवाज़ और गूंजती प्रार्थना के बीच, हवाई अड्डे के बाहर व्याकुल भीड़ है। एक जगह हवाई अड्डे से करीब 500 मीटर की दूरी पर भारी हथियारों के साथ तालिबान के दर्जनों सदस्य किसी को भी आगे बढ़ने से रोक रहे थे।

अफगान और अमेरिकी अधिकारियों ने बताया कि अगस्त 2011 के बाद से अफगानिस्तान में अमेरिकी सेना के लिए सबसे घातक दिन में, काबुल के अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के पास बृहस्पतिवार के बम धमाकों में कम से कम 95 अफगान और 13 अमेरिकी सैनिक मारे गए। एक अधिकारी ने पहचान उजागर न करने की शर्त पर शुक्रवार को बताया कि वास्तविक मृतक संख्या ज्यादा हो सकती है क्योंकि अन्य लोगों ने मौके से शायद शवों को हटा लिया होगा। एक अन्य अधिकारी ने कहा कि करीब 115 लोग मारे गए हों।

गुरुवार रात एक भावुक भाषण में, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने इस्लामिक स्टेट समूह के अफगानिस्तान में संबद्ध संगठन को दोषी ठहराया, जो तालिबान की तुलना में कहीं अधिक कट्टरपंथी है। बाइडन ने कहा, “हम अमेरिकियों को सुरक्षित निकालेंगे, हम अपने अफगान सहयोगियों को बाहर निकालेंगे और हमारा अभियान जारी रहेगा।” लेकिन मंगलवार 31 अगस्त की समय-सीमा बढ़ाने के अत्यधिक दबाव के बावजूद उन्होंने अपनी योजना पर कायम रहने के पीछे आतंकवादी हमलों को कारण बताया।
(भाषा से इनपुट्स के साथ)