भारतीय वैज्ञानिकों ने मंगलवार को देश की शक्ति में इजाफा करते हुए ब्रह्मोस क्रूज मिसाइल का सफलतापूर्वक परीक्षण किया। आधुनिक सुपरसोनिक ब्रह्मोस क्रूज मिसाइल के एक नये संस्करण का भारतीय नौसेना के गुप्त तरीके से निर्देशित मिसाइल विध्वंसक पोत से सफल परीक्षण-प्रक्षेपण किया गया। रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) ने कहा कि मिसाइल ने सटीक तरीके से निर्धारित लक्ष्य पर निशाना साधा। समझा जाता है कि इस मिसाइल में 290 किलोमीटर की मूल क्षमता की तुलना में 350 से 400 किलोमीटर तक प्रहार करने की अधिक क्षमता है।
डीआरडीओ ने ट्वीट किया, ‘‘ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल के समुद्र से समुद्र में प्रहार करने वाले आधुनिक संस्करण का मंगलवार को आईएनएस विशाखापत्तनम से परीक्षण किया गया। मिसाइल ने निर्धारित लक्ष्य पर सटीक तरीके से निशाना साधा।’’ रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि मिसाइल के सफल प्रक्षेपण से भारतीय नौसेना की ‘मिशन संबंधी तैयारियों’ की दृढ़ता स्पष्ट हुई है। उन्होंने ट्वीट कर भारतीय नौसेना और डीआरडीओ को इस उपलब्धि के लिए बधाई दी।
भारत-रूस का संयुक्त उपक्रम ‘ब्रह्मोस एयरोस्पेस’ सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल का उत्पादन करता है जिन्हें पनडुब्बियों, जलपोतों, विमान या भूतल पर स्थित प्लेटफॉर्मों से प्रक्षेपित किया जा सकता है। ब्रह्मोस मिसाइल 2.8 मैक या ध्वनि की गति से लगभग तीन गुना रफ्तार से प्रक्षेपित हो सकती हैं। भारत ने रणनीतिक महत्व वाले अनेक स्थानों पर बड़ी संख्या में मूल ब्रह्मोस मिसाइलों आदि को तैनात कर रखा है।
इससे पहले सीमा पर चीन के साथ जारी तनातनी के बीच भारतीय नौसेना ने पिछले अक्टूबर में BrahMos सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल का सफलतापूर्वक परीक्षण किया था। यह परीक्षण अरब सागर में किया गया, जहां आईएनएस चेन्नई से अरब सागर में स्थित एक टारगेट को सफलतापूर्वक ध्वस्त किया गया। बता दें कि ब्रह्मोस मिसाइल की मारक क्षमता 400 किलोमीटर है और इससे नौसेना की ताकत में खासा इजाफा होगा।
ब्रह्मोस मिसाइल को भारत और रूस ने संयुक्त रूप से विकसित और इसका प्रोडक्शन किया था। वहीं इस सफलता पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने डीआरडीओ, ब्रह्मोस और भारतीय नौसेना को बधाई दी है। डीआरडीओ के चेयरमैन डॉ. जी सतीश रेड्डी ने भी डीआरडीओ के वैज्ञानिकों और सभी कर्मचारियों को बधाई दी है। उन्होंने कहा कि ब्रह्मोस मिसाइल भारतीय सुरक्षा बलों की ताकत में खासा इजाफा करेगी।