ललितपुर के महरौनी से विधायक व श्रमराज्य मंत्री मनोहर लाल पंथ ने खाद मांग रहे किसानों को दे डाली धमकी कहा वोट देना हो तो देना या मत देना। उधर, कांग्रेस ने तंज कसते हुए योगी के मंत्री के जवाब पर सवाल उठाए। पार्टी का कहना है कि मंत्री जिस तरह से किसानों से बात कर रहे हैं, उसमें उनका अहंकार साफ झलक रहा है। लेकिन ये चलने नहीं वाला।
वायरल वीडियो में किसान मंत्री से खाद की मांग करते देखे जा रहे हैं, लेकिन मंत्री उन्हें उलटा ही धमकाने लगते हैं। उनका कहना था कि सरकार काम कर रही है। इसके लिए किसी के प्रमाण पत्र की जरूरत नहीं है। आप लोगों को लगे तो वोट दे देना नहीं तो जो आपकी मर्जी हो वो करते रहना। वीडियो में किसान मंत्री से बहस करते भी दिख रहे हैं पर मंत्री के ऊपर कोई असर पड़ता नहीं दिख रहा। वो लगातार किसानों से बहस करते देखे जाते हैं।
यूपी में किसानों को खाद के लिए धक्के खाने पड़ रहे हैं। किसान धरना प्रदर्शन कर रहे, लेकिन उन्हें आश्वासन ही दिए जा रहे हैं। शुक्रवार को एक किसान की खाद में लाइन में लगे रहने के दौरान मौत हो गई। खाद के लिए किसानों के धरना प्रदर्शन के बाद कुछ स्थानों पर खाद वितरित भी की गई लेकिन फिर भी किसानों को जरूरत के मुताबिक खाद नहीं मिली। किसान भोगीलाल की खाद के लिए लाइन में लगे रहने के दौरान मौत हो गई तो शुक्रवार को पूरे जिले में किसान सड़कों पर आ गए।
"वोट देना हो तो देना, नहीं देना हो तो मत देना…"
-UP BJP मंत्री मनोहर लाल पंथ …ये अहंकारी जवाब किसानों को दिया गया है.. pic.twitter.com/nKn6AZs07J
— Srinivas BV (@srinivasiyc) October 23, 2021
बोल मंत्री जी रहे है , लेकिन ये शब्द इनके सहाब के है
— Kazim Mahmood (@KazimMahmood2) October 23, 2021
किसानों का कहना है कि खरीफ की फसल बर्बाद होने के बाद उनको उम्मीद थी कि रबी की फसल में स्थिति सुधर जाएगी। खेत तैयार होने पर जब बुवाई की तैयारी की तो डीएपी का संकट खड़ा हो गया। किसान सुबह से ही दुकानों पर लाइनें लगाकर खड़े हो गए, लेकिन उन्हें खाद नहीं मिली। विरोध प्रदर्शन और जाम लगाने के बाद चेते प्रशासन ने गैर जनपदों में खाद न जा सके इसके लिए सीमा सील कर दी।
उधर, सोशळ मीडिया पर लोगों ने तंज कसते हुए कहा कि यह शब्द मंत्री के नहीं बल्कि उनके साहब (सीएम योगी) के हैं। एक यूजर का कहना था कि चुनाव आते ही इन्हें राम याद आने लगे। हिंदू मुस्लिम की बातें भी खूब हो रही हैं पर धरती पुत्र की परेशानियों को लेकर कोई कुछ नहीं बोल रहा। जनता परेशान है और यह लोग अपनी ढपली बजाकर मदमस्त हो रहे हैं।