विपक्ष की ओर से राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा ने भारतीय जनता पार्टी पर तीखा प्रहार किया। उन्होंने बीजेपी पर आरोप लगाया कि भगवा पार्टी ऑपरेशन ‘कमल’ चला रही है, जिसके तहत वह अपने राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार को जीत दिलाने के लिए गैर भाजपा विधायकों को बड़ी रकम का प्रलोभन दे रही है। उनके इस बयान पर यूजर ने कई तरह के रिएक्शन दिए।
यशवंत सिन्हा का बयान : यशवंत सिन्हा ने बीजेपी पर कई गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि भारतीय जनता पार्टी स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव परिणाम से डरती है। उन्होंने कहा कि मैंने विश्वसनीय स्रोतों से यह सुना है कि राष्ट्रपति चुनाव में पार्टी के उम्मीदवार को वोट दिलाने के लिए गैर भाजपा विधायकों को बड़ी रकम देने की बात की जा रही है। उन्होंने कहा, ‘इसका मतलब साफ कि गणतंत्र के सर्वोच्च पद के चुनाव में भी अब ऑपरेशन कमल चलाया जा रहा है।’
लोगों के रिएक्शन : अभिनव शुक्ला नाम के टि्वटर हैंडल से सवाल किया गया कि अगर इतनी जानकारी है तो कृपा करके विधायकों के नाम भी बता ही दीजिए। मनप्रीत सिंह लिखते हैं – जब सामने हार दिखाई देती है तो कुछ भी समझ में नहीं आता है। संगीता यादव नाम की एक यूजर ने लिखा, ‘ वास्तव में देश बदल रहा है, जिस भाजपा के अटल जी ने सदन में मात्र 1 वोट से अपनी सरकार गिरा दी थी। उसी पार्टी पर राष्ट्रपति चुनाव में घपले करने के आरोप लग रहे हैं।’ ईश्वर सिंह नाम के एक यूजर ने पूछा कि यह राष्ट्रपति पद का चुनाव है या फिर लोकसभा और विधानसभा का?
सत्यनारायण नाम के एक यूज़र कमेंट करते हैं कि जब लोकतंत्र बिकने लग जाए तो समझ लेना देश गुलामी की ओर अग्रसर है। कृति शुक्ला नाम की एक यूजर लिखती हैं – राष्ट्रपति चुनाव के पहले ही शुरूआती रुझान आना चालू हो गए हैं। मनोहर राम के एक यूजर कमेंट करते हैं, ‘ जब आपको समझ आ गया है कि देश भर में आप को समर्थन नहीं मिल रहा तो इस तरह का आरोप लगा रहे हैं। जिस पद के लिए आप चुनाव लड़ रहे हैं, उसकी गरिमा का ध्यान रखिए।’
18 जुलाई को होंगे चुनाव : राष्ट्रपति पद के लिए 18 जुलाई को चुनाव होगा और 21 जुलाई को मतगणना होगी। इस चुनाव में सांसदों और विधायकों वाले निर्वाचक मंडल के 4,809 सदस्य मौजूदा राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के उत्तराधिकारी का चुनाव करेंगे। गौरतलब है कि विपक्षी दलों ने अपनी ओर से यशवंत सेना को उम्मीदवार बनाया है तो वहीं एनडीए आदिवासी नेता द्रौपदी मुर्मू का समर्थन कर रही है।