कभी भारतीय जनता पार्टी के सिपाही रह चुके यशवंत सिन्हा को अब विपक्ष द्वारा राष्ट्रपति पद के लिए उम्मीदवार बनाया गया है। यशवंत सिन्हा अपने लिए वोट मांगते वक्त भाजपा और केंद्र सरकार को जमकर कोष रहे हैं। अब जब यशवंत सिन्हा से सवाल पूछा गया कि आपको नरेंद्र मोदी और भाजपा से इतनी नफरत क्यों है? आगे पढ़िए उन्होंने क्या जवाब दिया है।
ABP न्यूज के कार्यक्रम ‘प्रेस कांफ्रेस’ में पहुंचे यशवंत सिन्हा ने कहा कि ‘मुझे नरेंद्र मोदी से कोई नफरत नहीं है। किसी व्यक्ति से मैं नफरत नहीं करता। अगर नीतियों को लेकर मतभेद है तो है। मैं अलग ढंग से सोचता हूं वो लोग अलग ढंग से सोचते हैं। साल २०१४ में चुनाव हुआ तो मैने उसी वक्त कहा था कि अगर हमें चुनाव जीतना है तो नरेन्द्र मोदी को आगे करना चाहिए।’
यशवंत सिंह ने कहा कि ‘ये बातें मैंने किस आधार पर कही थी इसलिए कही थी क्योंकि मैं देश को समझ रहा था। इसलिए व्यक्तिगत कुछ नही था। इसके बाद मोदी जी ने मुझे फोन कर धन्यवाद भी कहा था लेकिन दो तीन साल बाद मुझे लगा कि आर्थिक नीतियों के मामले में सरकार गलत रास्ते पर जा रही है। नोट बंद के वक्त भारत की अर्थव्यवस्था विकास दर 8 प्रतिशत से ऊपर सलाना था। इसके बाद तो घटते-घटते ४ प्रतिशत पर आ गया। कोरोना काल में तो ये माइनस में चला गया।’
यशवंत सिन्हा ने सवाल पूछा गया कि क्या 2002 के बाद नरेन्द्र मोदी को गुजरात के सीएम के पद से हटा देना चाहिए था? इस पर राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार सिन्हा ने कहा कि ‘मैं इस बात से सहमत हूं कि 2002 में बीजेपी ने बड़ी भूल की थी। अटल जी चाहते थे कि मोदी को सीएम पद से हटाया जाए लेकिन अडवानी जी ऐसा नहीं चाहते। अटल जी लोगों की भावना के अनुसार काम करते थे जब अटल जी ने देखा कि लोगों की भावना ऐसी नहीं है तो उन्होंने मोदी जी को सीएम के पद से नहीं हटाया।
बता दें कि 18 जुलाई को राष्ट्रपति चुनाव के लिए मतदान होने वाला है। एनडीए की तरफ से द्रौपदी मुर्मू को उम्मीदवार बनाया गया है जबकि विपक्ष ने यशवंत सिन्हा को अपना साझा उम्मीदवार घोषित किया है। हालांकि एनडीए उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू की जीत लगभग-लगभग तय मानी जा रही है।