बकरीद पर कुर्बानी को लेकर एक टीवी डिबेट में मौलाना से विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के प्रवक्ता की तीखी बहस हो गई। मौलाना बोले कि मुसलमान सरकार का आदेश आसानी से मान लेते हैं। लेकिन विहिप वाले सरकार के आदेश को चुनौती देते हैं। वे सरकार से बड़े जो हैं। करारा जवाब देते हुए विहिप नेता ने कहा कि पर्व पर कुर्बानी क्यों नहीं रोकी जाती, अपने प्राणियों की जान लेना कहां का धर्म है?

मामला न्यूज 24 चैनल की लाइव डिबेट से जुड़ा है। मंगलवार (21 अगस्त) को ‘राष्ट्र की बात’ में ‘योगी राज में हिंदू-मुस्लिमों के त्योहारों में भेदभाव होता है?’ मुद्दे पर चर्चा हो रही थी। शो के होस्ट मानक गुप्ता थे। उनके साथ विहिप प्रवक्ता विनोद बंसल और मौलाना अब्दुर रहमान भी थे, जिनके बीच गर्मा-गर्म बहस छिड़ गई।

हुआ यूं कि मौलाना ने कहा, सीएम राज्य में सभी को आदेश जारी करते हैं कि कानून-व्यवस्था बरकरार रखनी है। हम मुसलमान हैं। हम आसानी से सरकार के जारी आदेश को मान लेते हैं। आप विहिप वाले हैं, आप सरकार से बड़े हैं। आप इसलिए उसे चुनौती दे देते हैं और मना कर देते हैं।

विहिप नेता बोले- मौलाना ये (मुस्लिम) सरकार का आदेश मान रहे होते, तो ये स्थिति थोड़ी न बनती। दिल्ली के उप राज्यपाल को सभी अखबारों में एक पन्ने का सब अखबारों में विज्ञापन न निकालना पड़ता। आज तक आपने कुर्बानी रोकी? अपने प्राणियों की जान लेकर आप त्यौहार मनाते हैं। कहां लिखा है ऐसा करना?

विहिप नेता आगे बोले, “यह प्रथा है?…जो गलत प्रथा है। जो प्राणियों की जान लेती है। यह धर्म नहीं अधर्म है। कुकर्म है। इस पर प्रतिबंध लगना चाहिए। क्या प्राणियों का रक्त बहाना और उनके शरीर के अवशेष को सड़क पर फेंकना क्या धर्म है?”

सुनिए डिबेट के दौरान मौलाना का क्या रहा जवाब