वीआइपी मूवमेंट के चलते राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में एक एंबुलेंस को रोकने वाले वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर किया जा रहा है। कथित तौर से एंबुलेंस में खून से लथपथ बच्चा जिंदगी और मौत से लड़ रहा था और वीआईपी मूवमेंट के चलते ट्रैफिक को पुलिस ने बैरिकेड लगाकर रोक दिया। सोशल मीडिया पर शेयर हो रहे वीडियो में एंबुलेंस के अंदर एक बच्चे को स्ट्रेचर पर लेटा हुआ दिखा गया है। एंबुलेंस ट्रैफिक जाम में फंसी हुई। इस दौरान कुछ लोग पुलिस से एंबुलेंस को जाने देने के लिए पुलिस से बातचीत और मिन्नत कर रहे हैं।

दो मिनट के इस वीडियो में लोगों पुलिस वालों से कहते हुए नजर आ रहे हैं कि वीआईपी मूवमेंट बच्चे की जान से ज्यादा कीमती है। सूत्रों के मुताबिक यह घटना इंद्रप्रस्ठ एस्सेट के पास स्थित इंदिरा गांधी इनडोर स्टेडियम के गेट नंबर 14 के पास की है। पुलिस का कहना है कि मलेशिया के हेड ऑफ स्टेट के जाने की वजह से रास्ते को बंद किया गया था। दिल्ली सेंट्रल के डिप्टी पुलिस कमिश्नर एमएस रंधावा ने इंडियन एक्सप्रेस से कहा कि पुलिस अधिकारियों ने प्रोटोकॉल का पालन किया और अधिकारियों को एम्बुलेंस को पास होने देने में कुछ मिनट लग गए। मेरी टीम ने एंबुलेंस के लिए सड़क क्लियर की, जो कि ट्रैफिक में फंसी हुई थी। मरीज के परिवारवालों की तरह से किसी तरह की शिकायत नहीं दर्ज कराई गई है।

प्रीत नरुला ने फेसबुक पर वीडियो पोस्ट करते हुए लिखा है कि 1 अप्रैल को वीआइपी मूवमेंट था। रिंग रोड पर राजघाट तक पुलिस ने बैरिकेड लगाकर वाहनों का आवागमन बंद कर दिया था। लिहाजा, रिंग रोड, विकास मार्ग पर लंबा जाम लग गया। सुबह नौ बजे जाम में एक एंबुलेंस फंसी थी। इसमें एक बच्चा दर्द से कराह रहा था। उसके शरीर से काफी खून बह रहा था। करीब आधे घंटे तक एंबुलेंस फंसी रही। चालक बार-बार पुलिस से बच्चे की तबीयत बिगड़ने की दुहाई देता रहा, लेकिन पुलिस ने जाने की इजाजत नहीं दी। लेकिन बाद में पब्लिक के दबाव में पुलिस को एंबुलेंस को जाने देना पड़ा। इस वीडियो को अब तक 4 लाख से ज्यादा लोग देख चुके हैं। साथ ही एक सवाल भी खड़ा हो गया है कि क्या वीआईपी मूवमेंट किसी की जान से बड़ी हो सकती हैं। पहले भी इस तरह के मामले सामने आ चुके हैं।