जुसैपे कोंते इटली के नए प्रधानमंत्री बन गए हैं। पीएम बनने के बाद वह देश के वीवीआईपी लोगों में शामिल हो गए। कोंते आधिकारिक तौर पर आम से खास तो बन गए। मगर असल जिंदगी में उन्होंने खुद को आम ही बनाए रखा है। इस बात की बानगी हाल ही में देखने को मिली थी। कोंते बीते शनिवार को टैक्सी से राष्ट्रपति भवन पहुंचे। टैक्सी में बैठे रहने के दौरान उन्होंने ड्राइवर को बिल चुकाया। फिर खुद दरवाजा खोला और राष्ट्रपति से मिलने रवाना हो गए। खास बात थी कि इस दौरान वहां कई पुलिसकर्मी व सुरक्षा गार्ड मौजूद थे। मगर उन्होंने किसी की भी मदद नहीं ली। न ही किसी प्रकार के खास प्रोटोकॉल को फॉलो होने दिया।
वह सरकार बनाने का दावा पेश करने के लिए गए थे। हालांकि, उनसे राष्ट्रपति भवन जाने के लिए लिमोजीन कार के लिए पूछा गया था, मगर उन्होंने गाड़ी के लिए मना कर दिया था। सड़क से लेकर सोशल मीडिया तक कोंते के इस सरल और सादगी भरे रवैये की तारीफ की जा रही है।
पीएम के करीबियों का कहना है कि यह उनका सरल अंदाज था। वह इसके जरिए कोई बड़ा संदेश नहीं देना चाहते थे। 53 वर्षीय कोंते पेशे से प्रोफेसर हैं। उन्हें राजनीति की दुनिया में कोई अनुभव नहीं है। मगर इटली में तीन महीने से चल रहे सियासी खींचतान के बाद दक्षिणपंथी पार्टी ने उन्हें पीएम पद के उम्मीदवार के तौर पर नामांकित किया था।

चुनाव में किसी भी पार्टी को बहुमत हासिल न हुआ। जोड़-तोड़ का दौर चला, जिसके बाद पीएम की गद्दी पर कोंते को बिठाए जाने का फैसला हो सका। शुक्रवार दोपहर उनका व उनके कैबिनेट मंत्रियों का शपथ ग्रहण समारोह हुआ। उन्होंने कहा था, “हमारी सरकार इटली के लोगों के जीवन स्तर में सुधार लाने के लिए प्रतिबद्ध रहेगी।”