दिल्‍ली के जवाहरलाल नेहरू विश्‍वविद्यालय में जारी छात्र-छात्राओं के प्रदर्शन को कवर करने से कुछ टीवी चैनलों को रोकने का दावा किया जा रहा है। सोशल मीडिया पर कुछ ऐसे वीडियोज सामने आए हैं, जिनमें मीडिया द्वारा पूछे जाने पर छात्र उन चैनलों के नाम बताते हैं। छात्राओं ने कहा- ”जी न्‍यूज नहीं, रिपब्लिक टीवी, टाइम्‍स नाउ।” इसके बाद छात्र रिपब्लिक टीवी के क्रू को घेरकर कहते दिखते हैं, ”नो, नो रिपब्लिक। यह एक सामूहिक फैसला है।” एक लड़की पीछे से कहती है, ”इससे फर्क नहीं पड़ता कि आप क्‍या कह रहे हैं।”

वही लड़की घूमकर इसी चैनल के पत्रकार से कहती सुनाई देती है, ”प्‍लीज जाइए। हम तमीज से कह रहे हैं। हम रिक्‍वेस्‍ट कर रहे हैं। प्‍लीज जाइए।” पत्रकार ने कहा कि वह सिर्फ एक बाइट चाहता है तो लड़की ने कहा, ”नहीं, आप एक बाइक, आपको एक सेंटेंस की जरूरत नहीं है। प्‍लीज, चले जाइए। इसमें मोल-भाव नहीं हो सकता।”

जेएनयू में अटेंडेंस की अनिवार्यता हटाने की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं। इस आदेश के अनुसार, अगर किसी विद्यार्थी की कक्षा में 75 प्रतिशत उपस्थिति नहीं होती है तो उसकी छात्रावास सुविधा और छात्रवृत्ति/फेलोशिप जब्त कर ली जाएगी। जेएनयू छात्र संघ ने विश्वविद्यालय प्रशासन को छात्रों की हाजिरी के मुद्दे पर उसे मिल रहे समर्थन की मजबूती दिखाने के लिए 7 मार्च को जनमत संग्रह भी कराया था।

14 मार्च को, जेएनयू छात्रों पर डीन से बदसलूकी के आरोप लगे थे। वह पूरी घटना सीसीटीवी कैमरे में दर्ज हुई थी। इस बारे में विश्‍वविद्यालय की सुरक्षा इकाई ने पुलिस को शिकायत कर दी थी। एक वीडियो में कुछ आक्रोशित छात्र कमरे के बाद जुटते दिख रहे थे, सुरक्षाकर्मी उन्‍हें हटा रहे थे मगर वह नहीं हिले।