वाराणसी में राम नवमी के अवसर पर मुस्लिम महिला फाउंडेशन व विशाल भारत संस्थान के संयुक्त तत्वाधान में मुस्लिम महिलाओं ने प्रभु श्री राम और मां जानकी की आरती उतारी। मुस्लिम महिला फाउंडेशन की राष्ट्रीय अध्यक्ष नाजनीन अंसारी ने उर्दू में आरती का गायन भी किया। मुस्लिम महिलाओं द्वारा भगवान राम की पूजा किए जाने के बाद सोशल मीडिया पर कई तरह की प्रतिक्रिया आ रही है।
यूजर्स की प्रतिक्रियाएं : सोशल मीडिया पर इस खबर को लेकर कुछ लोग मुस्लिम महिलाओं की तारीफ करते हुए इसे गंगा जमुनी तहजीब बता रहे हैं तो वहीं कुछ लोग महिलाओं पर कटाक्ष करने में पीछे नहीं हैं। युसूफ महबूब नाम के यूजर कहते हैं, ‘ यह सब मुस्लिम थोड़ी हैं। बुर्का तो हिंदू भी पहनकर खड़े हो सकते हैं, जिस तरह फिल्मों और धारावाहिकों में देखा जाता है।’
अरविंद कुमार नाम के ट्विटर यूजर ने कमेंट किया – संधियों के हिजाब से मंदिर में हिजाब पहनकर जा सकते हो लेकिन स्कूल में हिजाब पहनना मना है। सुमैया खान नाम की एक ट्विटर यूजर लिखती है कि बुर्का पहनने का मतलब मुस्लिम होना नहीं होता है। शैलेश नाम के एक यूजर ने लिखा कि इसे गंगा जमुनी तहजीब कहते हैं। यूपी में हिंदू – मुसलमान बहुत ही प्रेम से रहते हैं। जिसका उदाहरण यह महिलाएं हैं।
टीपू सुल्तान पार्टी टि्वटर अकाउंट से कमेंट आया कि चेहरा तो बदल लो कब तक यही चार महिलाओं को नकाब पहना कर लाओगे। रमजान नाम के एक यूजर लिखते हैं – बाकी जगहों पर इन्हें बुर्के से आपत्ति है लेकिन जब उन्हें यह दिखाना हो कि मुस्लिम औरतें आरती करती हैं तो अपनी महिलाओं को बुर्का पहना कर एजेंडा पूरा कर लेते हैं। अहमद नाम के एक यूजर ने लिखा, ‘ नफरत का बीज बोने वाले और समाज में जहर घोलने वाले लोगों को यह हजम नहीं हो रहा होगा।’
जानकारी के लिए बता दें कि रामनवमी के दिन उत्तर प्रदेश सहित कई राज्यों से सांप्रदायिक तनाव की खबरें सामने आई हैं। इसी बीच उत्तर प्रदेश के उन्नाव शहर से एक तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हुई। इस तस्वीर में राम नवमी के अवसर पर निकाली गई शोभायात्रा के रथ को मुस्लिम व्यक्ति चला रहे थे। इस तस्वीर को उन्नाव सदर कोतवाली में तैनात चौकी इंचार्ज भगत सिंह द्वारा फेसबुक अकाउंट से शेयर की गई है।