उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 28 मई को वीर सावरकर की जयंती पर एक किताब का विमोचन किया। इस दौरान उन्होंने सावरकर को लेकर कहा कि आजादी के बाद जो सम्मान वीर सावरकर को मिलना चाहिए था वो नहीं मिला। इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि ब्रिटिशर्स सावरकर से भयभीत रहते थे। उनके इस बयान पर सोशल मीडिया यूजर्स मजे लेने लगे।

योगी आदित्यनाथ का पूरा बयान : यूपी सीएम ने विमोचन के दौरान कहा कि एक ही जीवन में उन्हें दो बार आजीवन कारावास की सजा दी गई। उन्हें कई दिनों तक इस बात की जानकारी नहीं थी कि उनके भाई भी जेल में बंद हैं। अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए उन्होंने कहा कि अगर वीर सावरकर की बात को कांग्रेस ने माना होता तो देश विभाजन की त्रासदी से बच जाता।

सावरकर से डरते थे ब्रिटिशर्स : योगी आदित्यनाथ ने उनकी लेखनी का जिक्र करते हुए कहा कि बिना कागज कलम के भी उन्होंने अपनी लेखनी को रोकने नहीं दिया। वह दीवार पर लिखकर मिटाते थे और उसे फिर कंठस्थ कर लेते थे। उन्होंने बताया कि वह एक बार सेल्यूलर जेल गए थे तो वहां पर कुछ लोगों से सवाल किया था कि सावरकर को इस काली कोठरी में क्यों रखा गया था? वहां के लोगों ने बताया था कि ब्रिटिशर्स उनसे सबसे ज्यादा भयभीत रहते थे।

लोगों ने यूं ली चुटकी : @Rajajai16 नाम के ट्विटर हैंडल से लिखा गया कि सही बात तभी तो माफ कर दिया और पेंशन भी दे दिया था। @alian_Musk नाम के यूजर ने कमेंट किया, ‘ इस तरह के जोक सुनाने के लिए भी कुछ मंत्रियों का होना जरूरी है।’ अश्विनी सोनी नाम के एक यूजर ने चुटकी लेते हुए लिखते हैं कि हां क्योंकि सारे दिन अंग्रेजों के आगे पीछे मुझको राणा जी माफ करना गाते फिरते थे।

राजन नाम के एक यूजर लिखते हैं कि इसी डर की वजह से 60 रुपए की मासिक पेंशन बांध दी थी। सूरज नाम के एक यूजर सवाल करते हैं कि क्या आपको यह बात अंग्रेज सपने में आकर बता गए थे? आदित्य ने लिखा – जी बिल्कुल कहीं फिर से माफीनामा न लिख दें। विकास नाम के एक यूजर ने कमेंट किया कि ब्रिटिश जब यह देख रहे होंगे तो हंस रहे होंगे।