झारखंड में केंद्रीय कोयला राज्य मंत्री सतीश चंद्र दुबे का एक वीडियो सोशल मीडिया वायरल हो रहा था। दावा किया जा रहा था कि धनबाद में बीसीसीएल की कोल परियोजनाओं का जायजा लेने पहुंचे मंत्री वोटिंग रूम में अपने जूते खोल रहे थे इसी बीच बीसीसीएल के GM रैंक के अधिकारी झुके और उनका दूसरा जूता उतारने लगे। कहा जा रहा था कि यह घटना वीडियो में कैद हो गई और देखते ही देखते वायरल हो गई। इसके पहले यह भी दावा किया जा रहा था कि अन्य अधिकारी ने मंत्री के पायजामे का नाड़ा सही किया था, क्योंकि नाड़ा ढीला हो गया था।

क्या है वायरल वीडियो की सच्चाई?

हालांकि अब भारत कोकिंग कोल लिमिटेड (बीसीसीएल) ने सोमवार को सोशल मीडिया पर किए जा रहे उन दावों को झूठा और भ्रामक करार दिया है, जिनमें कंपनी के एक अधिकारी पर केंद्रीय मंत्री सतीश चंद्र दुबे का पायजामा ठीक करने की बात कही जा रही थी। सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी ने कहा कि बीसीसीएल का अधिकारी हेडलैंप बैटरी ले जाने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली बेल्ट को ठीक करने में कोयला और खान राज्यमंत्री दुबे की मदद कर रहा था।

बीसीसीएल के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘‘यह (सोशल मीडिया पर जारी वीडियो में किया जा रहा दावा) पूरी तरह से झूठा और भ्रामक है कि कंपनी के अधिकारी ने मंत्री का पायजामा ठीक किया।’’ अधिकारी ने आगे कहा कि हाल ही में दुबे की बीसीसीएल यात्रा के दौरान कुछ सोशल मीडिया साइट पर यह दिखाया गया कि कंपनी के एक अधिकारी ने मंत्री के जूते उतारे। हालांकि, उस वीडियो की समीक्षा से पता चलता है कि जब मंत्री भूमिगत खदान का निरीक्षण करने के बाद बाहर आकर अपने जूते उतारे तो एक अधिकारी ने जूतों को एक तरफ रख दिया और कर्मचारियों को रखने के लिए दे दिया।

खनन गतिविधियों से जुड़ी परंपरा के मुताबिक, खदान में आने-जाने के बाद खनन के जूते, हेलमेट, हेडलैंप, लैंप-बैटरी बेल्ट और स्टिक आदि सभी वस्तुओं की गिनती की जाती है और उन्हें स्टोर में रख दिया जाता है। अधिकारी ने कहा कि खनन में इस्तेमाल होने वाले जूतों को हाथ से नहीं बल्कि एक उपकरण का उपयोग करके उतारा जाता है। भारत कोकिंग कोल लिमिटेड देश में खनन किए जाने वाले कोकिंग कोयले का बड़ा हिस्सा पैदा करती है। यह एकीकृत इस्पात क्षेत्र की कुल कोकिंग कोल जरूरतों का लगभग आधा हिस्सा पूरा करती है।