डी सिवान एक ऐसे डाकिया का नाम है जो करीब 30 सालों तक 15 किमी दुर्गम रास्तों से पैदल चलकर लोगों की चिट्ठियां पहुंचाते रहे हैं। वर्ल्ड पोस्टल डे के मौके पर केंद्रीय रेल, संचार, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने डी सिवान को याद किया है और उनकी कहानी साझा की है।
डी सिवान डाकिया थे और उन्होंने लोगों के पत्र को पहुंचाने के लिए 30 सालों तक रोज 15 किमी तक पैदल चलते थे। वह तमिलनाडु के दूरदराज और दुर्गम जगहों पर रहने वालों की चिट्ठी लेकर जाते थे। डी सिवान ने कुन्नूर के दुर्गम इलाकों में पत्र पहुंचाने जाते थे जहां उन्हें कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ता था लेकिन वह कभी रुके, डरे नहीं। यही वजह है कि रिटायर हो जाने के बाद केंद्रीय मंत्री उन्हें याद कर रहे हैं।
तमाम कठिनाइयों के बाद भी पहुंचाई चिट्ठी
डी सिवान चिट्ठी पहुंचाने के लिए घने जंगलों से होकर जाते थे, फिसलन भरी धाराओं को पार करते थे। भारतीय डाक में अपनी इस नौकरी के दौरान जंगली जानवरों ने उनपर हमला करने की कोशिश की। हाथियों, भालूओं और गौर द्वारा उनका पीछा किया गया। हालांकि वह इसके बाद भी वह चिट्ठी पहुंचाने के लिए हमेशा तैयार रहते थे।
एक इंटरव्यू के दौरान डी सिवान ने बताया था, “ एक दिन जब मैं जा रहा था तो दोपहर को एक अंजीर का फल खाने के लिए रुक गया। एक भालू भी नियमित रूप से वही खाने आता था, लेकिन इससे मुझे कोई डर नहीं लगा क्योंकि वो भी मुझे वहां रोज देखने का आदी हो गया था।” डी सीवान ने बताया कि मुझे रेल की पटरी पर 40 मिनट तक चलना पड़ता था। उन्होंने आगे कहा, “अगर कोई ट्रेन आ रही होती तो स्टेशन पर लोग मुझे चेतावनी देते और मैं समय से 10 मिनट पहले ही हट जाता।”
जानकारी के अनुसार, साल 2020 में डी सीवान रिटायर हो गए थे। हालांकि वर्ल्ड पोस्टल डे के दिन केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने उनका वीडियो शेयर कर लिखा, ““डाकिया डाक लाया” सेवा और समर्पण की भावना को सैल्यूट!।”