मराठी पत्रकार निखिल वागले के टीवी शो को बंद कराने का विवाद थम नहीं रहा है। पहले टीवी-9 पर आने वाले वागले को शो साडेतोड के बंद होने के पीछे उनका नरेंद्र मोदी सरकार के प्रति आलोचनात्मक होना बताया जा रहा था। लेकिन वरिष्ठ पत्रकार विनोद कापड़ी ने इस बहस में कूदते हुए कहा कि उनकी ही सलाह पर खराब टीआरपी की वजह से वागले के शो का टाइम रात नौ बजे से शाम पांच बजे किया जा रहा था जिस पर वो तैयार नहीं थे। कापड़ी ने आरोप लगाया कि निखिल वागले ने शो बंद होने की वजह बताकर पीएम मोदी और बीजेपी की आलोचना बताकर लोगों को गुमराह किया है। हालांकि वागले अपनी बात पर डटे रहे कि उनका शो चैनल का सबसे ज्यादा रेटिंग वाला शो था और उसे पीएम मोदी और बीजेपी की आलोचना की वजह से ही बदला जा रहा था। मीडिया के इन दो दिग्गजों के बीच ट्विटर पर जमकर आरोप-प्रत्यारोप लगाए गए। कापड़ी के अखाड़े में उतरने के बाद कई पत्रकार उनके साथ खड़े दिखाई देने लगे। राजदीप सरदेसाई और रवीश कुमार जैसे पत्रकारों पहले से ही खुलकर निखिल वागले का सपोर्ट कर चुके हैं। नीचे पढ़ें विनोद कापड़ी का पूरा फेसबुक पोस्ट और उसके नीचे देखें ट्विटर पर दोनों पत्रकारों के बीच हुई जंग और बाकी पत्रकारों की प्रतिक्रिया।
पढ़ें फेसबुक लिखी विनोद कापड़ी की पोस्ट-
मोदी के नाम पर शहीद बनने वालों …..
कुछ मित्रों को मेरी इस पोस्ट पर आपत्ति हो सकती है पर नरेंद्र मोदी के विरोध के नाम पर कैसे कैसे खेल हो रहे हैं और कैसे लोग खुद को ज़बरन शहीद बनाने की कोशिश कर रहे हैं – ये सामने लाने के लिए इस पोस्ट को लिखना बहुत ज़रूरी है।
ताज़ा मिसाल है निखिल वागले की TV 9 मराठी से विदाई की।वागले जी का मैं तब से प्रशंसक हूँ , जब मैं पत्रकारिता में आया भी नहीं था। 90 का दशक रहा होगा। मैं कॉलेज में था और इसी दौरान निखिल वागले और उनके अखबार पर शिवसेना के गुंडों ने हमला किया था।लेकिन वागले डरे नहीं। तब से मै वागले को एक निडर और निष्पक्ष पत्रकार समझता रहा। लेकिन मेरा ये भ्रम अब जाकर टूटा है तकरीबन 25-26 साल के बाद।
मैं सबकुछ बर्दाश्त कर सकता हूँ। पर कोरे झूठ के नाम पर सहानुभूति बटोरने को सहन नहीं किया जा सकता। आप सब जानते होंगे कि वागले की हाल ही में TV9 मराठी से विदाई हुई है और इस विदाई को उन्होने जिस तरह से बीजेपी और मोदी से जोड़कर प्रचारित किया , वो हैरान तो करता ही है , साथ ही अंदर तक दुख पहुँचाता है जब आप अपने ही एक हीरों और आदर्श को अपनी आँखों के सामने धराशायी होते देखते हैं।
सच ये है कि वागले की TV9 मराठी से विदाई और उसमें मोदी- बीजेपी की भूमिका की वागले जी की फैलाई कहानी ना सिर्फ पूरी तरह झूठी है बल्कि मनगढ़ंत भी है। ये सब मैं इतने दावे से इसलिए कर रहा हूँ कि मुझे ना केवल सबकुछ पता है , बल्कि इसमें मेरी पूरी भूमिका भी है। तो सच कुछ यों है।
मेरा एक 21 साल पुराना दोस्त है रविप्रकाश, जो कि TV9 group का CEO भी है और promoter भी। मई के महीने में रवि ने मुझसे कहा कि यार विनोद तुम मुंबई आते जाते रहते हो , ज़रा कुछ वक्त निकाल कर टीवी 9 मराठी की टीम से मिल लो और देख लो कि चैनल में क्या दिक़्क़त है। सात आठ साल हो गए – कुछ बात बन नहीं रही। रवि पुराना दोस्त है , मेहनती है , जुझारू है -तो मना नहीं कर पाया । सोचा कि फिल्म के काम के दौरान जब समय मिलेगा तो जाऊँगा। इसी दौरान जून में धाकड़ रिपोर्टर रहे उमेश कुमावत ने बतौर मैनेजिंग एडिटर join कर लिया। उमेश से मैने पूरे चैनल की FPC ( fixed Programing chart ) और पिछले तीन चार हफ़्तों की रेटिंग माँगी।
रेटिंग का अध्ययन करके पता चला कि चैनल लगातार चार नंबर पर है , तकरीबन हर शो की रेटिंग खराब है और सबसे बुरा हाल है निखिल वागले के शो Sade Tod का। मैंने टीम के साथ बैठकर नई FPC को तैयार किया और सुझाव दिया कि वागले के शो को रात नौ से दस बजे के बजाय आप शाम पाँच से छह बजे करो। और नई FPC 21 जून से लागू करो। 21 जून से नई FPC लागू हो गई और दो ही हफ़्ते में चैनल नंबर चार से नंबर तीन पर आ गया।FPC में सिर्फ एक ही बदलाव नहीं हो पाया और वो था निखिल वागले का शो। वागले जी ने 19 जून को उमेश से कहा कि उन्हें एक महीने का और वक्त दिया जाए , वो शो को और बेहतर और आक्रामक बना रहे है। वागले जी का सम्मान करते हुए उन्हें एक महीने का और समय दिया गया। पर सुधार के बजाय रेटिंग और गिरती रही। इतना बुरा हाल कि आखिरी के आठ हफ़्तों में पाँच हफ़्ते तो वागले जी का शो Top 100 में भी नहीं आ पाया ( pls check BARC ratings Marathi News Channels week 19- week 28) ।
इसके बावजूद उमेश ने ठीक एक महीने बाद 19 July को उनसे फिर प्यार से कहा कि अब आपके शो की टाइमिंग बदलनी ही होगी लेकिन वागले जी ने फ़रमान सुना दिया कि मैं शो करूँगा तो सिर्फ रात के नौ बजे, वर्ना नहीं करूँगा और अगले दिन हम क्या देखते हैं कि वागले जी Twitter में कूद पड़े कि : ” देखिए मेरे साथ क्या नाइंसाफ़ी हो गई , TV 9 ने अचानक मेरा शो बंद कर दिया..मेरे शो को सेंसर कर दिया गया ” और फिर देखते ही देखते तमाम “liberal और Secular” पत्रकारों की पूरी बटालियन Twitter में मोर्चा लेकर खड़ी हो गई कि देखिए बीजेपी और मोदी ने एक और निष्पक्ष और निडर आवाज़ को चुप करा दिया। कुछ English websites में ख़बरें भी छपने लगीं और इन सबके बीच आदरणीय वागले जी सच जानते हुए भी बहुत भोले बनकर “आपके सहयोग के लिए धन्यवाद ” और ” ये जंग जारी रहेगी ” “सेंसरशिप से लड़ेंगे ” जैसे tweet करते रहे। दूर से बैठा मैं ये सब देख रहा था और बेहद दुखी था कि कैसे मेरा एक हीरो मेरे ही सामने दम तोड़ रहा है। वागले के शो के बंद होने का दूर दूर तक ना मोदी से वास्ता था और ना बीजेपी से। पर दो दिन में Twitter पर ऐसा माहौल बना दिया गया कि : “मोदी ने एक बार फिर लोकतंत्र की हत्या कर दी। मोदी हर उस आवाज़ को दबा रहे हैं जो मोदी के विरोध में उठती है। ”
देखिए बाकी आवाज़ों के बारे में कुछ नहीं कह सकता क्योंकि मैं जानता नहीं पर वागले जी के शो पर मैं पूरे विश्वास और दावे के साथ लिख रहा हूँ और डंके की चोट पर कह रहा हूँ कि शो बंद होने का एकमात्र कारण मैं था और मैं भी इसलिए क्योंकि मेरी जगह कोई भी व्यक्ति बदहाल चल रहे शो को या तो बंद करने का सुझाव देता या टाइमिंग बदलने की बात करता। जो मैंने किया। और मुझे खुलेआम ये मानने में कोई संकोच नहीं है। हो सकता है कि इस पोस्ट के बाद कुछ लोग मुझे कहें कि मैं भी मोदी की गोद में जाकर बैठ गया। कहने वाले कहते रहे , मुझे अपना सच पता है और वो मै लिखता रहूँगा।
अंत में .. वागले जी , आपने झूठ फैलाकर और झूठ के नाम पर खुद को शहीद बनाकर अच्छा नहीं किया। आपने मेरा एक हीरो मुझ से छीन लिया। Twitter पर मैं आपको 5-6 साल से फ़ॉलो कर रहा हूँ। आपके tweets को आँख बंद करके RT करता रहा , यही सोचकर कि बाल ठाकरे से लड़ने वाला आदमी निडर और निष्पक्ष ही होगा लेकिन अब खुद को प्रासंगिक बनाने के लिए जिस तरह आप झूठ का सहारा ले रहे हैं , वो व्यक्ति मेरा हीरो नहीं हो सकता।
प्लीज़ मोदी के कंधे पर बंदूक़ रखकर खुद पर ही गोली चलाना बंद कीजिए । कुछ दिन के लिए आप शहीद ज़रूर बन जाओगे लेकिन मेरे जैसे आपको चाहने वालों का जब भ्रम टूटेगा तो आपकी बची खुची विश्वसनीयता भी ख़त्म हो जाएगी।
PS
Apologies for tagging.
Feel free to remove tag.
नोट :
इस पोस्ट के साथ कई tweets भी संलग्न हैं और TV 9 मराठी की वो मेल भी संलग्न है , जिसमें वागले जी को बताया गया था कि खराब रेटिंग की वजह से उनके शो की सिर्फ टाइमिंग बदली जा रही है , ना कि शो बंद किया जा रहा है।
नीचे पढ़ें ट्विटर पर दोनों तरफ से कैसे-कैसे तीर चले-
In fact channel issued him a legal notice too for maligning, misleading and spreading lies. https://t.co/wbudGiX1L0
— Vinod Kapri (@vinodkapri) July 26, 2017
हाँ। लेकिन कुछ लोगों को आईना दिखाना बहुत ज़रूरी हो चला था। https://t.co/Cw8a0w5BWR
— Vinod Kapri (@vinodkapri) July 26, 2017
श्री @waglenikhil जी 8 weeks की रेटिंग सार्वजनिक कर दी है।8 में से 5 बार top100 में भी नहीं।फिर से सम्मान करूंगा यदि आप माफ़ी माँग लें तो।
— Vinod Kapri (@vinodkapri) July 26, 2017
BARC ratings of @waglenikhil show on @Tv9Marathi,week 27: listed in 61 position Top 100.To be continued. 7/8 pic.twitter.com/A2R4HBmE6w
— Vinod Kapri (@vinodkapri) July 26, 2017
BARC ratings of @waglenikhil show on @Tv9Marathi,week 25: not listed in Top 100.To be continued. 5/8 pic.twitter.com/qU7n5DVaFq
— Vinod Kapri (@vinodkapri) July 26, 2017
BARC ratings of @waglenikhil show on @Tv9Marathi,week 26: listed in 22nd position in Top 100.To be continued. 6/8 pic.twitter.com/EOEMgE5qnW
— Vinod Kapri (@vinodkapri) July 26, 2017