राष्ट्रीय जनता दल के सुप्रीमो और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव ने आरक्षण का विरोध करने पर निशाना साधा। लालू का निशाना राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) और बीजेपी की ओर है। आरएसएस की ओर से आरक्षण की समीक्षा की मांग की गई थी। यादव ने अपने ट्वीट में लिखा- “जिस तरह लाल कपड़ा देखकर सांड भड़कता है ठीक उसी तरह मेरा नाम सुनकर कट्टरपंथी भड़कते हैं, वो आरक्षण के घोर विरोधी व कट्टर जातिवादी है।” लालू के इस ट्वीट को लेकर सोशल मीडिया यूजर्स ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए उन पर ही हमला किया। एक यूजर ने लिखा- “लाल कपड़ा नहीं आपका नाम सुनकर ही सांड भड़कता है… काहे ही उसका चारा जो खा गए थे आप।”

बता दें कि इससे पहले भी लालू यादव कई बार आरएसएस और बीजेपी को आरक्षण के मुद्दे घेर चुके हैं। आरएसएस के सर संघचालक मोहन भागवत ने बिहार विधानसभा चुनाव से पहले कहा था कि आरक्षण व्यवस्था की समीक्षा की जानी चाहिए। जिसका लालू और उनकी पार्टी ने जमकर विरोध किया था और जोर-शोर से इस मामले को पूरे चुनाव के दौरान उठाया था। एक कार्यक्रम के दौरान संघ के मनमोहन वैद्य ने भी आरक्षण को खत्म किए जाने की बात कही थी।

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इन दिनों लालू प्रसाद यादव और उनके बड़े बेटे तेज प्रताप के ऊपर मिट्टी घोटाले का आरोप लगा रहा है। बीजेपी के वरिष्ठ नेता और बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम सुशील मोदी ने लालू पर आरोप लगाते हुए कहा था कि लालूजी ने अपने मॉल की मिट्टी को बिना टेंडर के अपने बेटे के विभाग को 90 लाख रूपये में बेच दिया, जो राज्य सरकार में मंत्री है। उन्होंने ‘भाषा’ से कहा कि जब लालूजी मिट्टी घोटाले की जांच के लिए तैयार हैं तब फिर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार देर क्यों कर रहे हैं ? इसी जमीन पर बिहार में एक बड़ा शापिंग मॉल बन रहा है जिसका निर्माण राजद से सुरसंड के विधायक सैयद अबू दौजान की कंपनी कर रही है। मोदी ने आरोप लगाया था कि इस निर्माणधीन शापिंग मॉल का संबंध लालू प्रसाद के परिवार से है और उसके दो अंडरग्राउंड फ्लोर की मिट्टी संजय गांधी जैविक उद्यान को 90 लाख रूपये में बेची गई।