भारतीय सेना में भर्ती के लिए लाई गई नई योजना अग्निपथ को लेकर एक बार फिर से विवाद हुआ है। दरअसल, कई विपक्षी नेताओं ने आरोप लगाया है कि अग्निपथ योजना के तहत युवाओं की भर्ती में जाति को एक कारक के रूप में इस्तेमाल किया गया है। इसी विषय पर कांग्रेस नेता उदित राज ने पोस्ट किया तो सोशल मीडिया यूजर्स ने उन्हें ट्रोल कर दिया।

उदित राज ने किया यह पोस्ट : कांग्रेस नेता ने लिखा कि अग्निवीर में जाति की एंट्री, अब नहीं समझे तो कब। कांग्रेस नेता के इस ट्वीट पर सोशल मीडिया यूजर्स उन्हें ट्रोल करते हुए लिख रहे हैं कि सरकारी नौकरी की हर परीक्षा में जाति पूछी जाती है। जानकारी के लिए बता दें कि आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह व आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने भी इस तरह का सवाल उठाया है।

लोगों ने यूं किया ट्रोल : अतुल सेठ नाम के एक ट्विटर यूजर ने कमेंट किया कि उदित जी युवाओं को क्यों बरगला रहे हैं। जाति और निवास प्रमाण तो पहले से ही लगता है। तरुण जैन लिखते हैं – हम तो सब कुछ समझ गए हैं लेकिन तुम कब समझोगे। बलराम सिंह ने कमेंट किया – पहले भी जाति और धर्म के बारे में पूछा जाता था। वैसे जरा यह भी बता दो कि जातिगत आरक्षण किसकी देन है।

आकृति चतुर्वेदी लिखती हैं कि जाति के नाम पर आरक्षण चाहिए तो फिर जाति प्रमाण पत्र देने में बेज्जती कैसे महसूस हो रही है। वैसे यह कोई नया नियम नहीं है। रवि नाम के ट्विटर यूजर लिखते हैं, ‘पहले से चली आ रही प्रक्रिया पर झूठ क्यों फैला रहे हो? सरकार को ऐसे लोगों पर कार्रवाई करनी चाहिए, जो देश में दंगे भड़काने का काम करते हैं।’ कमलेश नाम के ट्विटर यूजर कमेंट करते हैं कि अरे भाई साहब यह कॉलम बहुत पहले से ही था। क्यों लोगों के बीच कंफ्यूजन क्रिएट कर रहे हो।

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राजनाथ सिंह ने विपक्ष को दिया यह जवाब : राजनाथ सिंह ने विपक्ष के सवालों का जवाब देते हुए कहा कि यह पूरी तरह से अफवाह है। जो व्यवस्था पहले थी, आजादी के पहले से चली आ रही पुरानी व्यवस्था वही चल रही है। कोई बदलाव नहीं किया गया है, पुरानी व्यवस्था को जारी रखा गया है। वहीं मीडिया रिपोर्ट के आधार पर सेना के अधिकारियों ने इस विषय पर कहा है कि भर्ती में पहले भी उम्मीदवारों से जाति प्रमाण पत्र और धर्म प्रमाण पत्र मांगा जाता था।