संसद में गुरुवार को तीन तलाक से जुड़ा बिल पेश हुआ। महिला पत्रकार अंजना ओम कश्यप ने इस बारे में सोशल मीडिया पर अपनी राय रखी। कट्टरपंथियों पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि आज अकड़ी दाढ़ियों से पसीना टपक रहा है। मुस्लिम महिलाओं के बुर्के में रोशनी हुई है। शरीयत कानून की बंदिशों से उन्हें आजादी मिली है। माइक्रो ब्लॉगिंग साइट टि्वटर पर उनकी टिप्पणी देख औरों ने भी उस पर कमेंट किए। कुछ झल्लाए यूजर्स ने पत्रकार की इस राय को लेकर उन्हें घेरने की कोशिश की। लोगों ने कहा कि वह पहले खुद को और अपनी हिंदू बहनों को बचाएं। वह उन्हें बाबाओं के आश्रम में जाने से रोकें, जहां पर कच्ची उम्र में उन्हें बाबा अपना निशाना बनाते हैं। जबकि, कई लोगों ने अंजना की इस प्रतिक्रिया पर उनका समर्थन किया। आपको बता दें कि तीन तलाक को प्रतिबंधित करने और विवाहित मुस्लिम महिलाओं के अधिकार सुरक्षित करने से संबंधित ‘मुस्लिम महिला (विवाह अधिकार संरक्षण) विधेयक, 2017 को सरकार ने गुरुवार को लोकसभा में पेश किया। विधेयक पर सदन में चर्चा भी हुई। केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने इस विधेयक को पेश किया था। लेकिन इससे पहले विपक्षी पार्टियों ने इसका कड़ा विरोध किया था, जिसमें कांग्रेस और एआईएमआईएम शामिल थे।

हिंदी चैनल आज तक से जुड़ी हुई एंकर ने इसी बाबत गुरुवार को एक ट्वीट किया। उन्होंने लिखा, “सुना है आज अकड़ी हुई दाढ़ियों से पसीना टपक रहा है। बुर्के में रोशनी है। शरीयत की जंजीरों से आजादी की खिलखिलाहट है। जो पढ़ सको तो पढ़ो। बोल कि लब आजाद हैं तेरे।”

एक यूजर ने इस पर उन्हें जवाब में कहा, “खुद को और अपनी हिंदू बहनों को तो बचाओ अंजना। बाबाओं के आश्रम में जाने उन्हें (हिंदू बहनों को) रोको। बाबा ने उन्हें कच्ची उम्र में निशाना बनाया है।” यही नहीं, देखिए अन्य टि्वटर हैंडल से क्या-क्या ट्वीट किए गए-

तीन तलाक बिल पेश होने से पहले एआईएमआईएम के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने इसका विरोध किया था। उन्होंने आरोप लगाया कि यह बिल संविधान की अवहेलना करता है और कानूनी रूपरेखा में उचित नहीं बैठता। वहीं, कांग्रेस और ममता बनर्जी भी इस बिल के विरोध में थे।