हिजाब को लेकर हाल में ही भारत के कर्नाटक में बहस हुई थी और अब ईरान में हिजाब के मुद्दे पर बवाल हो रहा है। दरअसल, वहां पर हिजाब महिलाओं के लिए अनिवार्य है। इसको लेकर वहां पर महिलाएं आंदोलन कर रही हैं। हिजाब पर एक बार फिर से भारत में चर्चा तेज हो गई है। इसी विषय पर हो रही एक टीवी डिबेट के दौरान एंकर सुशांत सिन्हा और मुस्लिम स्कॉलर शोएब जमई के बीच तीखी बहस हो गई।

एंकर ने पूछे ऐसे सवाल

‘टाइम्स नाउ नवभारत’ चैनल के कार्यक्रम ‘राष्ट्रवाद’ में हो रही चर्चा के दौरान एंकर ने शोएब जमई से पूछा कि मदरसों के अंदर जो लड़कियां पढ़ने जाती हैं, अगर वह कहें कि मैं हाफ पैंट पहन कर जाना चाहती हूं। उनका यह चॉइस चलेगा? इस सवाल पर शोएब जमई कुछ देर चुप रहे तो एंकर ने कहा कि इस पर तो आपकी आवाज ही नहीं निकल रही है। शोएब जमई इधर-उधर करने लगे तो एंकर ने चिल्लाते हुए कहा कि आप समय मत खराब कीजिए।

शोएब जमई ने दिया ऐसा जवाब

शोएब जमई ने इस सवाल के जवाब में कहा, ‘सार्वजनिक शालीनता और नैतिकता को ध्यान में रखते हुए।’ शोएब की इतनी सी ही बात पर एंकर भड़क उठे। तेज आवाज में कहने लगे कि, ‘सार्वजनिक शालीनता… अब आजादी कहां चली गई। 1 मिनट में एक्सपोज हो गया। आप सब कुछ धुआं हो गया।’ इस पर जमई अपने बचाव में कुछ बोलने लगे तो एंकर ने कहा कि सारे नियम कायदे दूसरों के लिए होते हैं, जब खुद पर आती है तो सच्चाई बाहर आ जाती है।

एंकर और शोएब जमई के बीच हुई बहस

इस दौरान शोएब ने कहा कि अगर कोई लड़की बाबाओं के सत्संग में जाने से पहले कहे कि वह शार्ट कपड़े में जाएगी तो क्या होगा। एंकर ने इसके जवाब में कहा, ‘यहां सत्संग नहीं है, यह बात आपको समझ में आ गई। अभी तक लड़कियों की आजादी समझा रहे थे।’ इस दौरान एंकर और शोएब के बीच तीखी बहस भी हो गई।

लोगों की प्रतिक्रियाएं

दीप्ति नाम की ट्विटर यूजर लिखती हैं कि जब खुद पर सवाल किया जाता है तो सबको समझ में आ जाता है। आजादी की बात करने वाले कैसे फंस गए हैं। रविंद्र नाम की एक यूजर ने लिखा – दूसरे देश की औरतें बुर्के में ना दिखाई दे तो वहां पर आजादी ठीक है लेकिन अपने देश में ऐसा हो तो सही नहीं है। अनिल शर्मा नाम के एक यूज़र ने कमेंट किया, ‘ हाफ पैंट की बात छोड़ो, मदरसों में तो लड़कियां जींस पहन कर भी नहीं जा सकती।’