दिल्ली के जहांगीरपुरी में हिंसा के बाद एमसीडी ने 20 अप्रैल को अवैध निर्माण पर बुल्डोजर चलाने का फैसला किया। 2 घंटे से अधिक वक्त तक बुल्डोजर अतिक्रमण के खिलाफ काम करता रहा। सोशल मीडिया पर लोग इस कार्रवाई पर अपनी प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं। कुछ का कहना है कि अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई होनी ही चाहिए तो वहीं कुछ कह रहे हैं कि गरीबों पर यह अत्याचार है जोकि गलत है!

इन सबके बीच टाइम्स नाउ की पत्रकार नविका कुमार ने हंसते हुए इमोजी के साथ एक ऐसा ट्वीट कर दिया कि लोग उन्हें घेरने लगे। नविका ने ट्वीट किया कि “बुल्डोजर की मांग में भारी वृद्धि हो गई है। क्या हम मैन्यूफैक्चरिंग के लिए अपनी क्षमता बढ़ा रहे हैं या हमें आयात पर निर्भर ही रहना पड़ेगा? बस पूछ रही हूं।”

लेखिका मृणाल पाण्डेय ने नविका को जवाब देते हुए लिखा कि “नविका, मैं आज एक पत्रकार और एक महिला के रूप में हमारे कबीले के एक वरिष्ठ सदस्य के इस तरह के हृदयहीन और कठोर बयान पर अपना सिर शर्म से झुकाती हूं! आज अपनी निर्मम फब्तियों से तुमने अपने चैनल को ही नहीं, तमाम ईमानदार और न्यायप्रिय पत्रकारों को भी शर्मसार किया है।”

शिवसेना सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने लिखा कि “इसके अंत में इमोजी और ट्वीट असंवेदनशील नविका है। मुझे यकीन है कि आपने चार दीवारी बनाने के लिए भी जीवन भर काम किया है जिसे आप घर कहते हैं। किसी की गरीबी और उसके दर्द का मजाक मत उड़ाओ। हिंसा गलत थी, कानून को उस सजा की घोषणा बुल्डोजर से नहीं करने दें।

डॉ. अविरल वत्स नाम के यूजर ने लिखा कि ‘घबराएं नहीं, बहुत बुल्डोजरों की जरूरत पड़ेगी, क्योंकि नंबर तो सभी का लगेगा किसी न किसी बहाने से। सभी कतार में हैं। कोई पहले तो कोई बाद में। अगर पहले वालों को न बचाया तो बाकियों को बचाने वाला भी नहीं होगा।’ निशांत पाण्डेय नाम के यूजर ने लिखा कि ‘अब वह दावा करेंगी कि उनका ट्विटर अकाउंट हैक कर लिया गया है।’

सुभा नाम की यूजर ने लिखा कि ‘आप खुद को आईने में कैसे देखती हैं, नविका?’ आदिल नाम के यूजर ने लिखा कि ‘मतलब गरीबों का घर टूटते हुए देखकर खुशी हो रही है।’ आनंद नाम के यूजर ने लिखा कि ‘ईश्वर के यहां देर है अंधेर नही, ईश्वर का जब बुल्डोजर चलता है तो वह आवाज नहीं करता और ना ही दिखाई देता है।’ अजीत सिंह नाम के यूजर ने लिखा कि ‘जरा सोचिए कि आपका घर उसी तरह तोड़ा जा रहा है और दूसरे उस पर हंस रहे हैं। तुम घटिया और घृणित हो!’