एलन मस्क इस दुनिया के सबसे अमीर शख्स हैं। हालांकि सोशल मीडिया पर एक ऐसा शख्स वायरल हो रहा है जिसके बारे में उनका भी कहना है कि यार इसके पास मेरे से भी अधिक प्राइवेट यॉर्ट है। यह शख्स कोई और नहीं बल्कि इंटरनेशनल लॉन्गशोरमेन एसोसिएशन (आईएलए) के अध्यक्ष और मुख्य वार्ताकार हेरोल्ड डैगेट हैं।

78 साल के हेरोल्ड डैगेट ने अपनी शानदार लाइफस्टाइल से सोशल मीडिया पर हलचल मचा दी है। उन्हें पहली बार जुलाई 2011 में ILA के अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया गया था। तब से उन्होंने 85,000 सदस्यों वाले अंतर्राष्ट्रीय संघ के नेता के रूप में चार कार्यकाल दिए हैं।

सीएनएन की रिपोर्ट के अनुसार, डैगेट के नेतृत्व में ILA ने निकाय और यूनाइटेड स्टेट्स मैरीटाइम एलायंस के बीच बेहतर सैलरी और श्रम सुरक्षा की मांग को लेकर किया गया समझौता सफल नहीं हुआ। जिसके बाद मंगलवार को हड़ताल शुरू की। वहीं कई आलचकों ने डैगेट की अमीरी वाली लाइफस्टाइल की तरफ इशारा किया है।

सोशल मीडिया पर लोग कर रहे ट्रोल

एक पोस्ट में डैगेट को जमकर ट्रोल किया गया है। इस वायरल पोस्ट में दावा किया गया कि उन्होंने ILA से $728,000 (लगभग 61 करोड़ रुपये से अधिक) और एक यूनियन शाखा से $173,000 (लगभग 1.4 करोड़ रुपये से अधिक) कमाए। ये आंकड़े श्रम विभाग से यूनियन फाइलिंग से लिए गए हैं। पोस्ट में आगे यह भी दावा किया गया कि डैगेट ने हाल ही में अपनी 76 फुट की यॉर्ट बेची है और वह बेंटले चलाता है।

इस पोस्ट ने एलन मस्क का ध्यान खींचा और उन्होंने तुरंत चुटकी लेते हुए इसका जवाब दिया। मस्क ने लिखा “यार के पास मुझसे ज़्यादा प्राइवेट नौकाएं हैं!” इस पोस्ट को अब तक 15 मिलियन से अधिक बार देखा गया है। इतनी ही नहीं इस पोस्ट पर भर-भरके लोगों के कमेंट आ रहे हैं। इतने कमेंट्स आ रहे हैं कि पोस्ट आग की तरह वायरल हो रही है। एक एक्स यूजर ने कमेंट किया है “और वे कहते हैं कि यूनियनें लोगों के लिए हैं…सभी नकली हैं।” एक अन्य यूजर ने लिखा कि नेता गंदे तरीके से अमीर बन रहे हैं और 330 मिलियन लोगों को सजा देने के लिए तैयार हैं ताकि वे अधिक पैसा कमा सकें।”

‘नेता अपनी जेबें भरने में लगे हैं’

एक अन्य यूजर ने लिखा “संघ नेतृत्व अब अपने सदस्यों का प्रतिनिधित्व नहीं करता है। वे ऐसे लोग हैं जो सदस्यों का उपयोग अपनी जेब भरने के लिए करते हैं। ” यूएस ईस्ट कोस्ट और गल्फ कोस्ट डॉकवर्कर्स ने मंगलवार को लगभग 50 सालों में अपनी पहली बड़े पैमाने पर हड़ताल शुरू की। रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, सैलरी बढ़ाने की मांग पूरी न होने पर हड़ताल से देश के लगभग आधे समुद्री जहाज प्रभावित हुए हैं।