Telangana Viral News: तेलंगाना के संगारेड्डी जिसे से एक बेहद हैरान करने वाला मामला सामने आया है। पीटीआई-भाषा की रिपोर्ट के अनुसार पुलिस ने बताया कि यहां रहने वाली एक 25 साल की महिला ने कथित तौर पर माइर्मेकोफ़ोबिया (चींटियों का डर) के कारण आत्महत्या कर ली, जो एक बहुत ही दुर्लभ फोबिया है।
घर पर पंखे से लटकी हुई पाई गई
रिपोर्ट के अनुसार उन्होंने बताया कि महिला, जिसकी शादी 2022 में हुई थी और उसकी एक तीन साल की बेटी थी, 4 नवंबर, 2025 को अपने घर पर पंखे से लटकी हुई पाई गई। उस दिन पहले, महिला अपनी बेटी को एक रिश्तेदार के घर यह कहकर छोड़ गई थी कि वह घर की सफाई करने के बाद उसे ले जाएगी।
उसका पति, जो सुबह काम पर गया था, शाम को लौटा तो उसने मेन गेट अंदर से बंद पाया। पुलिस ने बताया कि पड़ोसियों की मदद से उसने दरवाजा तोड़ा और अपनी पत्नी को पंखे से लटका हुआ पाया।
घटनास्थल से बरामद एक सुसाइड नोट में लिखा था: “श्री, मुझे माफ़ करना, मैं इन चींटियों के साथ नहीं रह सकती। (बेटी) का ख्याल रखना। सावधान रहना। अन्नावरम, तिरुपति 1,116 रुपये… येल्लम्मा वडी बिय्यम (चावल का चढ़ावा) मत भूलना।” तिरुपति, अन्नावरम के मंदिरों, 1,116 रुपये और ‘येल्लम्मा वडी बिय्यम’ का ज़िक्र देवताओं को चढ़ाए जाने वाले चढ़ावे के लिए है।
डर के मारे यह कदम उठाया होगा
पुलिस ने बताया कि उन्हें बताया गया था कि महिला बचपन से ही चींटियों से डरती थी और उसे पहले अपने पैतृक शहर मंचेरियल के एक अस्पताल में परामर्श भी मिला था। पुलिस ने कहा, “ऐसा लगता है कि सफाई करते समय उसने चींटियों को देखा होगा और डर के मारे उसने यह कदम उठाया होगा।”
पीटीआई से बात करते हुए, तेलंगाना सरकार के मानसिक स्वास्थ्य संस्थान (आईएमएच) की अधीक्षक अनीता रायिराला ने शनिवार को कहा कि मायर्मेकोफोबिया बहुत दुर्लभ है। उन्होंने कहा, “मैंने अपने क्लिनिक में ऐसा नहीं देखा है।”
उन्होंने कहा कि अक्सर फोबिया बचपन में ही शुरू हो जाते हैं और व्यक्ति इन्हें व्यक्त करते हैं (जिससे परिवार के सदस्यों को समस्या का पता चल जाता है)। उन्होंने कहा कि फोबिया का इलाज एक्सपोज़र थेरेपी, संज्ञानात्मक व्यवहार थेरेपी से किया जा सकता है और चिंता कम करने के लिए दवाइयां भी उपलब्ध हैं।
यह देखते हुए कि फोबिया के कारण आत्महत्याएं दुर्लभ हैं, रायिराला ने कहा कि जिस महिला ने कथित तौर पर मायर्मेकोफोबिया के कारण अपनी जान ली, वह अवसाद से पीड़ित हो सकती है। उन्होंने फोबिया के इलाज के लिए मनोचिकित्सकों से परामर्श करने का सुझाव दिया।
