यूपी विधानसभा चुनाव में हार का सामना करने के बाद अब स्वामी प्रसाद मौर्य यूपी विधानसभा के उच्च सदन का हिस्सा बनने जा रहे हैं। 8 जून को स्वामी प्रसाद मौर्य ने अपना नामांकन भी दाखिल कर दिया है। विधान परिषद सदस्य बनाने के लिए स्वामी प्रसाद मौर्या ने अखिलेश यादव को धन्यवाद कहा है।

स्वामी प्रसाद ने ट्विटर पर लिखा कि “सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव जी ने विधान मण्डल, उप्र के उच्च सदन में प्रत्याशी बनाकर, उन दलितों, पिछड़ो, वंचितों व उपेक्षितों एवं गांव-गरीब, बेरोजगार नौजवानों का सम्मान बढ़ाया हैं जिनकी मैं सदैव आवाज उठाता रहा हूं, इसके लिये उन्हें बहुत-बहुत धन्यवाद।”

लोगों की प्रतिक्रियाएं: अर्पित निगम नाम के यूजर ने लिखा कि ‘समाजवादी पार्टी कभी दलितों, पिछड़ों आदिवासियों का मान सम्मान नहीं कर सकती, यह हमेशा इस समाज के विरोधी रहे हैं। चाहे माननीय मुलायम सिंह यादव हों, चाहे अखिलेश यादव, इनकी मानसिकता दलितों पिछड़ों की विरोधी हैं।’ शिवम पाण्डेय ने लिखा कि ‘बस विधान परिषद सदस्य में ही खुश रहो। भाजपा में होते तो मंत्री होते।’

संतोष अवस्थी ने लिखा कि ‘तुमको बना दिया तो दलितों, पिछड़ों का भला हो गया। तुमको न बनाकर दूसरे दलित पिछड़े को बनाते, तब कहते कि यह दलित पिछड़े का अपमान है।’ प्रवेन्द्र बिरला नाम के यूजर ने लिखा कि ‘सही है, अब यही बाकी था क्योंकि जीतना तुम्हारे बस की बात नहीं थी।’ एसएन साहू नाम के यूजर ने लिखा कि ‘अखिलेश यादव जी ने गरीबों, पिछड़ों और नौजवानों की आवाज स्वामी प्रसाद मौर्य जी को विधान परिषद में पहुंचाकर अच्छा काम किया है।’

बता दें कि स्वामी प्रसाद मौर्य बसपा से बीजेपी में आए थे लेकिन बीते विधानसभा में भाजपा का साथ छोड़कर वह सपा में चले गये थे। इसके बाद उन्होंने भाजपा को चुनाव में हरा देने का दावा किया था लेकिन जब नतीजे सामने आए तो ना सिर्फ सपा को हार का सामना करना पड़ा बल्कि स्वामी प्रसाद मौर्य अपनी सीट बचाने में असफल रहे थे और बीजेपी पूर्ण बहुमत के साथ दोबारा सरकार बनाने में सफल हो गई। स्वामी प्रसाद मौर्य को सपा अब विधान परिषद का सदस्य बनाकर विधानसभा भेज रही है।