Pahalgam Terror Attack News: कश्मीर में अपना 44वां जन्मदिन मनाने से एक दिन पहले सूरत के शैलेश कलथिया पहलगाम में आतंकवादियों की गोलियों का शिकार हो गए, जिससे उनका परिवार पूरी तरह टूट गया। गुजरात के राहत आयुक्त आलोक पांडे ने कलथिया की मौत की पुष्टि की।
मुंबई में पोस्टेड थे शैलेश
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार एक प्रमुख नैश्नलाइज बैंक में काम करने वाले शैलेश अपनी पत्नी शीतल, बेटी नीति और बेटे नक्श के साथ कश्मीर में छुट्टियां मनाने गए थे। वह पिछले एक साल से बैंक की मुंबई में कांदिवली शाखा के इंश्योरेंस विभाग में तैनात थे। मुंबई ट्रांसफर होने से पहले शैलेश राजस्थान के जोधपुर में तैनात थे।
सूत्रों ने पुष्टि की है कि शैलेश 23 अप्रैल को अपना जन्मदिन मनाने वाले थे। बता दें कि हमले में गुजरात के तीन अन्य पर्यटक भावनगर निवासी 61 वर्षीय विनूभाई डाभी, मनिका पटेल और रिनू पांडे भी घायल हो गए है। रिनू ने कहा कि उनकी हालत स्थिर है।
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कटारगाम क्षेत्र के चिकूवाड़ी इलाके में हरिकुंज सोसायटी में रहने वाले कलखिया मूल रूप से अमरेली जिले के द्रुफानिया गांव के रहने वाले थे और सूरत में बस गए थे। उनके चचेरे भाई मोटा वराछा में रहते हैं। परिवार के सदस्य उनका शव वापस लाने के लिए कश्मीर रवाना हो गए हैं।
हाथ को छूती हुई निकल गई गोली
इस बीच, भावनगर के रहने वाले पिता-पुत्र यतीश परमार और स्मित से संपर्क नहीं हो पा रहा है। भावनगर रेंज के आईजी गौतम परमार ने कहा कि स्थानीय अधिकारी उनके ठिकानों का पता लगाने के लिए जम्मू-कश्मीर पुलिस और सीआरपीएफ के लगातार संपर्क में हैं।
रिपोर्ट के मुताबिक घायल विनुभाई डाभी की बेटी शीतल, जो भावनगर पुलिस में कांस्टेबल हैं, ने मीडिया को बताया कि एक गोली उनके हाथ को छूती हुई निकल गई, लेकिन अधिकारियों ने परिवार को आश्वासन दिया कि वह खतरे से बाहर हैं। डाभी 20 रिश्तेदारों के एक समूह का हिस्सा थे, जो 16 अप्रैल को उपदेशक मोरारी बापू के नेतृत्व में एक आध्यात्मिक सभा में भाग लेने के लिए श्रीनगर गए थे।
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शीतल ने बताया, “मैंने दोपहर करीब 2:30 बजे अपने माता-पिता से बात की और वे खुश लग रहे थे, पहलगाम के मिनी स्विट्जरलैंड बैसरन में अपना समय बिता रहे थे। हमले के बारे में सुनने के बाद, मैंने शाम 5:30 बजे अपनी मां को फिर से फोन किया। उन्होंने मुझे बताया कि मेरे पिता घायल हो गए हैं, लेकिन घाव गंभीर नहीं है।”
हर कोई छिपने के लिए भागने लगा
उन्होंने बताया कि उनकी मां के बगल में बैठे एक रिश्तेदार ने जोरदार धमाका सुना और कुछ ही देर बाद गोलीबारी शुरू हो गई। शीतल ने बताया, “हर कोई छिपने के लिए भागने लगा।” वह रात में ही पहलगाम के लिए रवाना हो गई।
डाभी के बेटे अश्विन ने बताया कि धार्मिक आयोजन में शामिल होने के लिए समूह जम्मू-तवी एक्सप्रेस में सवार होकर सुरेंद्रनगर से कटरा गया था। उनकी वापसी की यात्रा 30 अप्रैल को तय की गई थी, जिसमें वैष्णोदेवी, पंजाब और राजस्थान में रुकना था।