नॉएडा में खड़ी भ्रष्टाचार की विशाल इमारत ट्विन टावर को आखिरकार गिरा दिया गया। इस बिल्डिंग को गिराए जाने पर एक तरफ जहां लोगों ने ख़ुशी जाहिर की है, वहीं ट्विन टावर को बनाने वाले सुपरटेक के एमडी आरके अरोड़ा ने इस पर दुःख जाहिर करते हुआ कहा है कि हमने अथॉरिटी से सभी अप्रूवल लिया था, इसके बाद ही टावर का निर्माण किया गया था। 

ट्विन टावर्स गिराए जाने पर क्या बोले आरके अरोड़ा

आज तक से बातचीत करते हुए आरके आरोड़ा ने कहा है कि हमें 2005 में नॉएडा अथॉरिटी द्वारा जमीन दी गई थी। इस प्रोजेक्ट को दो पार्ट में बांटा गया था। एक 15 टावर और 2 टावर में। 15 टावर हमने 2009 में बनाकर हैण्डओवर भी कर दिया वो पूरी तरह अप्रूवल के साथ बने थे। बाकि दो ट्विन टावर का निर्माण 2009 अप्रूवल के साथ काम शुरू किया। इसके बाद सरकार की एक नई पालिसी आई थी तो हमने उसके अनुसार अप्रूवल लिया और काम शुरू किया। 

“मैं कोर्ट पर टिप्पणी नहीं करूंगा”

इस पर एंकर अंजना ओम कश्यप ने कहा कि भारत की सर्वोच्च अदालत ने टिप्पणी की है कि नॉएडा अथॉरिटी के आंख, कान,नाक से भ्रष्टाचार टपकता है। कोर्ट ने यह भी कहा था कि ना सिर्फ सुपरटेक की मदद की गई बल्कि सांठगांठ भी है। इस पर आरके अरोड़ा ने कहा कि हमारे पास सभी अप्रूवल थे, हमने किसी नियम का उल्लंघन नहीं किया है, ये नियम सिर्फ सुपरटेक के लिए नहीं बल्कि सभी के लिए था, मैं माननीय सुप्रीम कोर्ट पर कोई टिप्पणी नहीं करना चाहता। इस पर एंकर ने कहा कि यही तो सवाल है कि आपके पास ऐसा कौन सा जादू है कि कैसे आपको सारे अप्रूवल मिलते गए और नॉएडा अथॉरिटी की आँखों में धूल झोंककर कैसे निर्माण शुरू कर दिया? इसके जवाब में उन्होंने दोहराते हुए कहा कि हमने अप्रूवल के साथ ही काम शुरू किया था।

“मैं रात भर सो नहीं पाया”

नुकसान के बारे में पूछे जाने पर आरके आरोड़ा ने कहा कि हमारे जितने भी प्रोजेक्ट चल रहे हैं, उनपर इस कार्रवाई का कोई असर नहीं पड़ेगा। हम 40 सालों से मकान बना रहे हैं, कहीं कोई समस्या नहीं है। इंडिया टुडे से बात करते हुए आरके आरोड़ा ने यह भी कहा कि हमने 2009 में इसे बनाने की शुरुआत की थी। रविवार को बिल्डिंग गिरने से पहले शनिवार की पूरी रात मैं सो नहीं पाया। अरोड़ा ने कहा जिसे आपने बनाया हो और आप ही को उसे गिराना पड़े तो सोचिए दिल पर क्या बीतेगी।

बता दें कि ट्विन टावर में कई अनियमितताएं होने की वजह से मामला हाई कोर्ट पहुंचा। हाई कोर्ट ने सुपरटेक के विरोध में फैसला सुनाया। मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा, जहां से भी सुपरटेक को राहत नहीं मिली। शुरूआती मंजूरी के मुताबिक सुपरटेक को 11 मंजिला की कुल 16 इमारतें बनानी थीं और जहां ट्विन टावर था, वो जगह ग्रीन एरिया के लिए छोड़ी गई थी लेकिन नॉएडा अथॉरिटी से मंजूरी मिलने के बाद यहां भी इमारत खड़ी होने लगी। पहले 11 फ्लोर, फिर 34 फ्लोर और फिर बाद में 40 फ्लोर तक ये बिल्डिंगें बनती गईं और आरके अरोड़ा की मानें तो नॉएडा अथॉरिटी के अधिकारी प्रोजेक्ट को हरी झंडी देते गये। इसके बाद आस पास के लोगों ने जानकारी हासिल करने की कोशिश तो उन्हें नॉएडा अथॉरिटी और सुपरटेक द्वारा जानकारी तक नहीं दी गई। इसके बाद लोग हाईकोर्ट पहुंच गए थे।