पहले का समय कुछ ऐसा था कि प्राइवेट स्कूलों में फीस को लेकर अक्सर प्रिंसिपल या फिर टीचर बच्चों को टोक दिया करते थे या फिर घर से पैरेंट्स को बुलाकर लाने का फरमान जारी होता था। पहले के बच्चे स्कूल में शिक्षक की डांट से लेकर मारपीट तक को सहन कर लेते थे, लेकिन आजकल के बच्चों में सहनशक्ति अक्षुण्ण हो गई है। इसका एक उदाहरण मध्य प्रदेश के ग्वालियर से सामने आया है जहां एक बच्चे ने अपनी प्रिंसिपल पर हाथ छोड़ दिया। हालांकि पहले प्रिंसिपल ने बच्चे को मारा था। दोनों के बीच फीस को लेकर विवाद हुआ था।

11वीं के छात्र ने प्रिंसिपल को जड़ा थप्पड़

पूरा मामला ग्वालियर के हजीरा थानाक्षेत्र का है। यहां एक प्राइवेट स्कूल में महिला प्रिंसिपल निशा सेंगर और 11वीं क्लास में पढ़ने वाले स्टूडेंट ध्रुव आर्य के बीच फीस को लेकर विवाद हो गया। प्रिंसिपल ने ध्रुव पर पहले हाथ छोड़ा। उसके बाद ध्रुव ने जवाब में प्रिंसिपल को चाटा जड़ दिया। इस दौरान अन्य शिक्षकों ने बीच-बचाव कराया और मामले को शांत कराया। इस घटना के बाद ध्रुव की शिकायत के आधार पर पुलिस ने प्रिंसिपल समेत तीन लोगों के खिलाफ एट्रोसिटी एक्ट के तहत केस दर्ज कर लिया।

छात्र को दी गई जातिसूचक गालियां

जानकारी के मुताबिक, ध्रुव ने 2 साल पहले स्कूल छोड़ दिया था और वह स्कूल में अपना ट्रांसफर सर्टिफिकेट और मार्कशीट लेने पहुंचा था। स्कूल में फीस जमा कराने को लेकर दोनों में विवाद हुआ था जिसके बाद तो बात मारपीट तक पहुंच गई। छात्र का दावा है कि प्रिंसिपल ने उसे जातिसूचक गालियां भी दी थी और मारपीट भी की थी। इस पूरी घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल है। वीडियो में देखा जा सकता है कि महिला प्रिंसिपल एक बच्चे पर हाथ छोड़ती दिख रही है।

प्रिंसिपल की क्या है सफाई?

इस मामले की आरोपी महिला प्रिंसिपल निशा सेंगर का कहना है कि ध्रुव आर्य मार्कशीट और टीसी लेने आया था। उसके उपर स्कूल की फीस बकाया थी। जब उसे वह फीस जमा करने के लिए कहा गया तो उसने टीचर्स के साथ बदतमीजी की। इसके बाद विवाद बढ़ता चला गया। वहीं निशा सेंगर ने जाति सूचक शब्दों के इस्तेमाल करने की बात को फर्जी बताया है।