समाजवादी पार्टी की तरफ से पत्र जारी कर ओपी राजभर और शिवपाल यादव से साफ कह दिया है कि जहां उन्हें लगता है कि अधिक सम्मान मिलेगा तो वह चलें जाएं। समाजवादी पार्टी के इस पत्र से यूपी की राजनीति में एक बार फिर हलचल तेज हो गई है। सपा द्वारा शिवपाल यादव और ओपी राजभर के लिए जारी पत्र सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। 

सपा ने ओपी राजभर और शिवपाल यादव के लिए जारी किया पत्र!

सुभासपा के अध्यक्ष ओपी राजभर के लिए जारी पत्र में लिखा गया है कि ‘समाजवादी पार्टी, बीजेपी के खिलाफ लड़ रही है। आपका बीजेपी के साथ गठजोड़ है और लगातार बीजेपी को मजबूत कर रहे हैं। आपको लगता है कि कहीं और अधिक सम्मान मिलेगा तो आप जाने के लिए स्वतंत्र हैं।’ वहीं शिवपाल यादव के लिए लिखा गया कि ‘शिवपाल यादव जी, आपको लगता है कि कहीं और ज्यादा सम्मान मिलेगा तो आप जाने के लिए स्वतंत्र हैं।’ 

सपा के इस पत्र को शेयर करते हुए सपा नेता आईपी सिंह ने लिखा कि ‘ओमप्रकाश जी, आप अब देर मत करो आप फ्री हो।’ अरविंद यादव नाम के यूजर ने लिखा कि ‘चलो इक बार फिर से अजनबी बन जायें हम दोनों।’ शिवम पाण्डेय ने लिखा कि ‘ओपी राजभर जी. एक कहावत है घर के न घाट के, दो नाव पर पैर नहीं रखना चाहिए।’

शिवपाल यादव के लिए लिखे गए सपा के पत्र पर जवाब देते हुए अभिषेक राज नाम के यूजर ने लिखा कि ‘सच! जिस पार्टी में उन्होंने अपने ही पिता को सम्मान नहीं दिया, आप अखिलेश से सम्मान की उम्मीद कैसे कर सकते हैं?’ अनिल विश्वकर्मा नाम के यूजर ने लिखा कि ‘समाजवादी पार्टी कब सफा वाली पार्टी हो गई पता ही नहीं चला, अखिलेश जी आप के नेतृत्व में समाजवादी पार्टी पूरी तरह से खोखली हो गई है।’

शैंकी वर्मा नाम के यूजर ने लिखा कि ‘हमारे प्रसपा सुप्रीमो के सम्मान की चिंता छोड़ दें आप अखिलेश जी। अखिलेश जी आप नेताजी और शिवपाल चाचा के द्वारा विरासत में दी गई समाजवादी पार्टी के सम्मान की चिंता करें तो बेहतर होगा।’ अरुण यादव नाम के यूजर ने लिखा कि ‘अगर प्रोफेसर साहब के बारे में भी सोच लेते तो और भी अच्छा होता।’

बता दें कि ओपी राजभर और शिवपाल सिंह यादव अखिलेश यादव से नाराज बताए जा रहे थे। राष्ट्रपति चुनाव के वक्त इन दोनों नेताओं ने द्रौपदी मुर्मू को समर्थन दिया था जबकि समाजवादी पार्टी ने विपक्ष के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा के लिए वोट करने का आदेश जारी किया था। अब खबर है कि इन दो नेताओं के अलावा कुछ अन्य विधायकों ने क्रॉस वोटिंग की है।